विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) की मंजूरी का उल्लंघन करने वाले गैर सरकारी संगठनों (NGO) पर बड़ी कार्रवाई हो रही है। ये कार्रवाई राष्ट्रव्यापी है। सरकारी अधिकारी जांच के घेरे में हैं। कई अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं। 2 करोड़ रुपए के हवाला लेन-देन का पता चला है।
गृह मंत्रालय के इनपुट के आधार पर CBI एफसीआरए के संबंध में दिल्ली, राजस्थान, चेन्नई, हैदराबाद, मैसूर में 40 स्थानों पर तलाशी ले रही है ताकि गैर सरकारी संगठनों, बिचौलियों और एमएचए के एफसीआरए डिवीजन के लोक सेवकों को गिरफ्तार किया जा सके जो कथित रूप से एफसीआरए प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे और रिश्वत के लिए एफसीआरए मामलों की अवैध निकासी की सुविधा प्रदान कर रहे थे। एफसीआरए उल्लंघन में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल उभर रहा है। कई NGOs ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को घूस दी और एफसीआरए की मंजूरी प्राप्त की।
सीबीआई ने रिश्वत का आदान-प्रदान करते हुए लोक सेवकों सहित कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया। करीब आधा दर्जन सरकारी कर्मचारियों व अन्य से पूछताछ की जा रही है। अब तक की तलाशी के दौरान अवैध रूप से भेजे गए हवाला चैनल से 2 करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है। तलाशी जारी है। सीबीआई द्वारा कथित एफसीआरए उल्लंघनों पर छह अधिकारियों, एनजीओ प्रतिनिधियों से पूछताछ की जा रही है। जब गृह मंत्री अमित शाह के संज्ञान में कथित उल्लंघन लाया गया, तो उन्होंने तुरंत मंत्रालय के अधिकारियों से इस मामले से बहुत सख्ती से निपटने के लिए कहा। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सीबीआई से शिकायत की थी।
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