नई दिल्ली : प्रशांत महासागर में अपनी ताकत और मौजूदगी का प्रदर्शन करने के लिए 'क्वाड्रिलेटरल सेक्युरिटी डॉयलाग' क्वाड देशों की नौसेनाएं गुरुवार से गुआम में सैन्याभ्यास करने जा रही हैं। मालाबार अभ्यास के इस 25वें संस्करण में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं अपना युद्ध कौशल और सामरिक संचालन की अपनी खूबियों का प्रदर्शन करेंगी। यह युद्धाभ्यास चार दिनों 26 अगस्त से 29 अगस्त तक चलेगा। क्वाड समहू के ये चारों देश साल 2020 से इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया पहले मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा नहीं लेता था।
इस बार नेवी के मरीन कमांडो लेंगे हिस्सा
भारतीय नौसेना ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य युद्धाभ्यास में शामिल हो रही नौसेनाओं के बीच संचालन से जुड़ी साझेदारी को बढ़ाना, साझी आपसी समझ विकसित करना और सामुद्रिक सुरक्षा के लिए मानक अभियानगत प्रक्रिया (एसओपी) को तेज करना है। नौसेना ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में भारत के दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और आईएनएस कदमट्ट हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा इस बार मालाबार ड्रिल में पी-81 एयरक्राफ्ट और नेवी के मरीन कमांडो (मार्कोस) हिस्सा लेते नजर आएंगे।
इस बार बेहद खास है यह युद्धाभ्यास
इस बार का यह युद्धाभ्यास बेहद खास रहने वाला है। दरअसल, इस बार चार देशों की नौसेना के अलावा उनकी पनडुब्बियां, हेलिकॉप्टर, गश्ती एयरक्राफ्ट, अमेरिकी नेवी सील कमांडो, मार्कोस सहित एलीट स्पेशल फोर्सेज अपनी युद्धगत कौशल का प्रदर्शन करेंगे। रिपोर्टों की मानें तो अरब सागर में भारत अपना पहला ट्राय-सर्विस अभ्यास अक्टूबर के अंत में ब्रिटेन के साथ मिलकर करने की सोच रहा है। इसके अलावा भारत और फ्रांस अपनी सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ एक नए तरह के अभ्यास के जरिए अपना रक्षा सहयोग और मजबूत करना चाहते हैं।
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