नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र ने दिवंगत नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संगठन मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है। जबकि कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।' ममता के दावों का अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। ममता बनर्जी इस मुद्दे को लेकर कुछ देर बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।
कलकता के फादर डोमिनिक गोमेस ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा, ' मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज करके, सरकारी एजेंसियों ने गरीब से गरीब व्यक्ति को एक क्रूर क्रिसमस उपहार दिया है। देश भर में अपने केंद्रों पर 22000 से अधिक प्रत्यक्ष आश्रितों और लाभार्थियों के अलावा, मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमसी) बहनें और भाई हजारों लोगों के उत्थान के लिए पहुंचते हैं और अक्सर सामाजिक बहिष्कार किए लोगों के एकमात्र दोस्त होते हैं। इस तथ्य की अनदेखी करते हुए कि संत मदर टेरेसा के एमसी सभी सांसारिक मोह माया छोड़ देते हैं, फर्श पर सोते हैं और कोई पैसा नहीं कमाते हैं - जो कुछ भी उनके पास दुनिया के हर कोने में सबसे गरीब लोगों की सेवा में है, विशेष रूप से हमारे सबसे गरीब भारतीयों की सेवा में दे देते हैं। यह ईसाई समुदाय और उनकी सामाजिक पहुंच तथा भारत के सबसे गरीब लोगों पर एक नृशंस हमला है, जिसकी एमसी मण्डली सेवा करती है। हम एमसी के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हैं।'
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वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव सुर्जय कांत मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'कल क्रिसमस के दिन केंद्रीय मंत्रालय ने मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खाते सील कर दिए। सरकार ने भारत में नकदी सहित सभी खातों को फ्रीज कर दिया है। कर्मचारियों सहित उनके 22,000 मरीज बिना भोजन और दवाओं के रह गए हैं।' कई दक्षिणपंथी समूहों ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर लोगों का ईसाई धर्म अपनाने में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इस महीने की शुरुआत में, वडोदरा में पुलिस ने शहर में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा चलाए जा रहे एक आश्रय गृह के निवासियों के कथित धर्मांतरण की शिकायतों की जांच शुरू की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिशनरीज ऑफ चैरिटी में करीब 5,000 नन हैं और 750 से अधिक देखभाल गृहों का प्रबंधन करती हैं, जिनमें से 243 भारत में हैं।
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