नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को 'कोविड 19 से विनाश की दहलीज' पर धकेल दिया गया क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने सत्ता पर कब्जा करने के लिए बंगाल का दौरा करने के अलावा पिछले छह महीनों में कोई काम नहीं किया। उन्होंने दोहराया कि भाजपा लोगों के जनादेश को स्वीकार नहीं कर रहा है और बंगाल में चुनाव पूरा होने के बाद हिंसा भड़का रही है।
चुनाव आयोग पर हमला करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सीधे भगवा पार्टी की मदद नहीं की होती तो वह हाल में हुए विधानसभा चुनाव में 30 सीट भी नहीं जीत पाती।
टीएमसी विधायक बिमान बंद्योपाध्याय के तीसरी बार स्पीकर चुने जाने के बाद बनर्जी विधानसभा में बोल रही थीं। हाल में सपंन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा 294 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, भाजपा ने चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का बहिष्कार किया।
बनर्जी ने कहा, 'बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए उन्होंने भारत को बर्बादी के कगार पर धकेल दिया। पिछले छह महीनों में केंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया और वे बंगाल पर कब्जा जमाने के लिए रोज यहां आते थे।' ममता ने कहा कि अगर वे लोगों को टीका देते हैं तो 30 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा जो केंद्र सरकार के लिए कुछ नहीं है लेकिन वे करीब 50 हजार करोड़ रुपए नए संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास और प्रतिमाओं के निर्माण पर खर्च कर रहे हैं। उनकी प्राथमिकता सबका टीकाकरण करने की होनी चाहिए जो वे नहीं कर रहे हैं।
टीएमसी प्रमुख ने ये भी कहा कि केंद्रीय बलों के जवान बिना आरटी-पीसीआर जांच राज्य में घूम रहे हैं, इसलिए संक्रमण फैल रहा है।
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