कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपने 291 उम्मीदवारों की सूची जारी की। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खुली चुनौती दी। टीएमसी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी का सामना करने के लिए भाजपा चाहे तो अपनी पूरी मशीनरी लगा सकती है। संवाददाता सम्मेलन के बाद आक्रामक तेवर दिखाते हुए ममता एक तरह से प्रधानमनंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, 'खेलेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे।'
बंगाल में पीएम की 20 रैली होनी है
भाजपा बंगाल चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की 20 रैलियों के कार्यक्रम की योजना बना रही है। भाजपा की इस तैयारी के बारे में सवाल करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा चाहे तो 120 रैलियां कर सकती है। उन्होंने कहा, 'भाजपा से कहिए कि वह कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक तैनात सभी सुरक्षा बलों को बंगाल भेज दे। अमित शाह को लोगों पर इतना अविश्वास नहीं दिखाना चाहिए।' बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले पर ममता ने फिर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग से कहिए कि वह 294 फेज में चुनाव कराए।'
राज्य में आठ चरणों में होंगे चुनाव
बता दें कि राज्य में आठ चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक चुनाव होंगे। जबकि चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे। संवाददाता सम्मेलन में ममता ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि इस पार्टी को बंगाल के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी नहीं है और जो इसके बारे में जानते नहीं है वे यहां पर शासन नहीं कर सकते। यह बंगाल के अस्तित्व के लिए लड़ाई है। लोगों को पता है कि भाजपा सत्ता में आई तो राज्य का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी ममता
ममता इस बार भवानीपुर की जगह नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। चर्चा थी कि वह कोलकाता के भवानीपुर सीट से भी चुनाव लड़ेंगी लेकिन उन्होंने इस अटकल पर विराम लगा दिया। नंदीग्राम सीट पर भारतीय जनता पार्टी दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी को खड़ा करने वाली है। अधिकारी को यहां से टिकट मिलने पर इस सीट पर काफी कड़ा एवं रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। आइए नंदीग्राम सीट के राजनीतिक इतिहास के बारे में जानते हैं।
ममता ने 291 उम्मीदवारों की घोषणा की
ममता ने विधानसभा की 294 सीटों में से 291 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। टीएमसी प्रमुख ने तीन सीटें दार्जिलिंग के अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं। खास बात है कि ममता ने 80 साल से ज्यादा उम्र वाले नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। इस बार 79 सीटें अनुसूचित जाति, 17 सीटें अनुसूचित जनजाति, 50 सीटें महिलाओं और 42 सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों को दी गई हैं।
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