नंदीग्राम में ममता का अधिकारी से होगा सियासी संग्राम! इस सीट पर कांग्रेस-भाकपा का भी रहा है कब्जा  

Nandigram Assembly Seat : ममता बनर्जी अभी भवानीपुर सीट से विधायक हैं। उन्होंने इस बार अपनी परंपरागत सीट को छोड़कर पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

 Mamata will take on Suvendu Adhikari in Nandigram, Congress CPI also won this seat
नंदीग्राम सीट पर संग्राम! इस सीट पर कांग्रेस-भाकपा का भी रहा है कब्जा।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट से विस चुनाव लड़ने का ऐलान किया है
  • इस सीट पर भाजपा दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी को उतारने वाली है
  • नंदीग्राम से अधिकारी और ममता दोनों का लंबे समय से जुड़ाव रहा है

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। ममता ने विधानसभा की 294 सीटों में से 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। ममता ने तीन सीटें दार्जिलिंग के अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं। खास बात है कि ममता ने 80 साल से ज्यादा उम्र वाले नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। इस बार 79 सीटें अनुसूचित जाति, 17 सीटें अनुसूचित जनजाति, 50 सीटें महिलाओं और 42 सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों को दी गई हैं। 

ममता ने भाजपा को दी खुली चुनौती
नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर ममता बनर्जी ने भाजपा को खुली चुनौती दी है। ममता अभी भवानीपुर सीट से विधायक हैं। उन्होंने इस बार अपनी परंपरागत सीट को छोड़कर पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। नंदीग्राम से ममता और सुवेंदु अधिकारी दोनों का गहरा जुड़ाव है। अधिकारी का यह इलाका अपना है तो 2007 के नंदीग्राम हिंसा के बाद हुए किसान आंदोलन ने ममता को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। नंदीग्राम में हुई फायरिंग 14 किसानों की मौत हुई। यहां विशेष आर्थिक जोन बनाने के लिए लेफ्ट की सरकार जमीन अधिग्रहीत करना चाहती थी जिसका किसान विरोध कर रहे थे। 

देखें-टीएमसी उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट

नंदीग्राम सीट पर सुवेंदु अधिकारी को उतार सकती है भाजपा
ममता बनर्जी एक सीट नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। चर्चा थी कि वह कोलकाता के भवानीपुर सीट से भी चुनाव लड़ सकती हैं। नंदीग्राम सीट पर भारतीय जनता पार्टी दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी को खड़ा करने वाली है। अधिकारी को यहां से टिकट मिलने पर इस सीट पर काफी कड़ा एवं रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। आइए नंदीग्राम सीट के राजनीतिक इतिहास के बारे में जानते हैं।

  1. साल 2016 में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सुवेंदु अधिकारी विजयी हुए। इस सीट पर उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने भाकपा के उम्मीदवार अब्दुल करीब शेख को हराया था। शेख को 26 प्रतिशत वोट मिले थे। इस सीट पर भाजपा के बिजन कुमार दास तीसरे स्थान पर रहे थे। दास को 5.32 प्रतिशत वोट मिले। 
  2. 2011 में नंदीग्राम सीट से फिरोजा बीबी टीएमसी के टिकट पर विजयी हुई हैं। उन्हें 61.21 प्रतिशत वोट मिले। इस चुनाव में उन्होंने भाकपा के परमानंद भारती को हराया था। भारती को 35.35 फीसदी वोट मिले। इस चुनाव में भाजपा के बिजन कुमार दास को 1.72 प्रतिशत वोट मिला।
  3. 2009 के उपचुनाव में इस सीट पर टीएमसी की फिरोजा बीबी विजयी हुईं। फिरोजा को 58.28 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने भाकपा के परमानंद भारती को हराया। भारती को इस चुनाव में 39.35 फीसदी वोट मिले। भाजपा के बिजन कुमार दास के खाते में 1.72 प्रतिशत वोट आए। 
  4. 2006 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाकपा के इलियास मोहम्मद विजयी हुए। उन्हें 69,376 वोट मिले। इलियास ने टीएमसी के एसके सुपियान को हराया था। सपियान को 64,553 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के अनवर अली को 4943 वोट हासिल हुए।
  5. 1996 के विस चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के देबिशंकर पांडा विजयी हुए। पांडा को 61,885 वोट मिले। पांडा ने भाकपा के शक्ति बाल को हराया था। शक्ति को 61747 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहने वाले भाजपा के जॉयदेब सतपती को 1508 वोट मिले।
  6. 1967 से 1972 तक भाकपा के भूपल चंद्र पांडा इस सीट पर विजयी होते रहे। इससे पहले नंदीग्राम दो सीटों नंदीग्राम उत्तर और नंदीग्राम दक्षिण में विभाजित था। 
  7. 1951 से 1962 तक नंदीग्राम उत्तर सीट पर कांग्रेस के सुबोध चंद्र मैती विजयी होते रहे।
  8. नंदीग्राम दक्षिण सीट पर 1962 में कांग्रेस के प्रबीर चंद्र जना विजयी हुए। साल 1957 के चुनाव में इस सीट पर भाकपा के भूपल चंद्र पांडा विजयी हुए। 1951 के चुनाव में कांग्रेस के प्रबीर चंद्र जना ने जीत हासिल की।
     

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