कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वैसे तो विधानसभा चुनाव के संपन्न में होने में 6 महीने से अधिक का समय बचा हुआ है। लेकिन सियासी हमलों के जरिए बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे के आमने सामने हैं । गृहमंत्री अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को बंगाल के दो दिन के दौरे पर थे और अपने बयानों के जरिए ममता बनर्जी की सरकार पर हमले किए तो टीएमसी बौखला उठी और खुद सीएम ममता बनर्जी बचाव में उतरीं। उन्होंने कहा कि अच्छा रहा होता कि गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाने से पहले तथ्यों को आधार बनाया होता।
'बंगाल को किया जा रहा है बदनाम'
ममता बनर्जी ने कहा कि तथ्यों के साथ बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वो तैयार हैं। सियासत में हर एक दल को आरोप लगाने का अधिकार है। लेकिन यह देखना होगा कि जब आप अपनी बात कहते हैं तो उसमें कितना दम है। आपकी बातों में कितनी सच्चाई है। गृहमंत्री अमित शाह ने 19 और 20 दिसंबर को जो कुछ आरोप लगाए थे उनका वास्तविकता से लेना देना नहीं था। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी के लोग बंगाल को बदनाम कर रहे हैं।
तथ्यों के जरिए ममता का पलटवार
'मौजूदा सरकार में पश्चिम बंगाल रसातल में'
मौजूदी टीएमसी सरकार पर आरोप लगाते हुए बीजेपी का कहना है कि ममता की अगुवाई में पश्चिम बंगाल रसातल में जा रहा है। राज्य बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं कि जिस तरह से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है आखिर वो क्या है। बंगाल की पहचान ममता सरकार में हत्या प्रदेश से हो गई है। जो काम वाम दलों के गुंडे किया करते थे, आज वही काम टीएमसी के गुंडे कर रहे हैं। बंगाल की जनता परेशान होकर अब बदलाव के लिए सामने आ रही है।
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