नई दिल्ली: मणिपुर में बीजेपी की सरकार गिरना तय हो गया है। दरअसल, बीजेपी के 3 विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। विधायकों एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया है।
एनपीपी के वाई जॉयकुमार सिंह, एन. कायसी, एल जयंत कुमार सिंह और लेटपाओ हाओकिप ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। टीएमसी के टी रॉबिन्द्रो सिंह और निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन ने भी बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया है।
समर्थनों के साथ बीजेपी ने बनाई थी सरकार
2017 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और मणिपुर की 60 में से 21 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन भाजपा ने एनपीपी, नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ गठबंधन करके बीरेन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। एनपीपी और एनपीएफ के 4-4 विधायक हैं और एलजेपी के पास एक है। एक निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने भी मणिपुर में भाजपा का समर्थन किया था।
अल्पमत में आई सरकार
लेकिन अब एनपीपी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और बीरेन सिंह की सीएम की कुर्सी को खतरे में डाल दिया है। टीएमसी के साथ-साथ निर्दलीय विधायक ने भी भाजपा सरकार से अपना समर्थन खींच लिया है और भाजपा के तीन विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की संख्या 23 हो गई है।
इस बीच, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने समर्थन हासिल किया है और राज्य की सत्ता पर दावा ठोक दिया है।
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