नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए हवाई यात्रा के दौरान मास्क पहनने के मानदंडों को तय करने के लिए कोविड-19 स्थिति की समय-समय पर समीक्षा करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने उड़ान के दौरान मास्क पहनने के बारे में जनादेश में ढील देने के पक्ष में एक आवेदन पर विचार करते हुए कहा कि हालांकि अब वायरस के बहुत कम मामले हैं, लेकिन अदालत एक विशेषज्ञ निकाय नहीं है जो इस तरह के मुद्दों से निपट सके।
अदालत गैर सरकारी संगठन 'ब्रिजिंग द गैप फाउंडेशन' की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो एक जनहित याचिका में दायर की गई थी। यह याचिका उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश के अनुभव के बाद दर्ज की गई थी, जिन्होंने महामारी के दौरान घरेलू उड़ान में यात्रा की थी।
अधिवक्ता सोमनाथ भारती द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए आवेदक ने कहा कि मास्क पहनने की अनिवार्यता से संबंधित मानदंड पूरी दुनिया में बदले गए हैं और यहां भी जनादेश की समीक्षा करने की आवश्यकता है। उन्होंने तर्क दिया कि एक तरफ यात्री को एक उड़ान के दौरान मास्क पहनने के लिए कहा जाता है, लेकिन दूसरी तरफ अगर वह अपनी पूरी यात्रा में ''कॉफी की चुस्की लेते रहें'' तो उसे इसे हटाने की अनुमति है।
अदालत ने कहा, ''डीजीसीए इस पर गौर करने के बाद आदेश पारित करेगा...चीज़ें बदल गई हैं। अब कोई कोविड नहीं है। बहुत कम मामले हैं।''अदालत ने कहा, ''आवेदन को इस निर्देश के साथ निपटाया जाता है कि डीजीसीए समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगा और भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करेगा।''
डीजीसीए ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा कि उसने सभी हितधारकों द्वारा हवाईअड्डों और विमान के अंदर कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं। बार-बार मास्क नहीं पहनने वाले यात्रियों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू की गयी है।
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