नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन मिलने का सिलसिला जारी है। अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। मायावती ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हमने एनडीए के राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। हमने यह फैसला न तो बीजेपी या एनडीए के समर्थन में और न ही विपक्ष के खिलाफ बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है।'
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए मायावती ने कहा, 'ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई गई बैठक में केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया और जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई, तो बसपा को भी आमंत्रित नहीं किया गया था। यह उनके जातिवादी उद्देश्यों को दर्शाता है।'
इससे पहले ओड़िशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था। इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस और मायावती के समर्थन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन की जीत की राह आसान हो गई है। इसके साथ ही देश को पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति मिलने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं।
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