मेरठ पुलिस का सनसनीखेज दावा, CAA हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की थी साजिश, जारी किया VIDEO

मेरठ के एसएसपी ने सनसनीखेज दावा किया है। पुलिस अधिकारी का दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शांत करने में जुटे पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया।

Meerut police sensational claim attempt made to burn policemen dutring CAA protest,  मेरठ पुलिस का सनसनीखेज दावा, CAA हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की थी साजिश
मेरठ हिंसा पर पुलिस का सनसनीखेज दावा। 

मेरठ : मेरठ के पुलिस अधीक्षक ने सनसनीखेज दावा किया है। पुलिस अधिकारी का दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शन को शांत करने में जुटे पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। मेरठ क्षेत्र के एडीजी प्रशांत कुमार ने टाइम्स नाउ से खास बातचीत में कहा कि प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने 30 से 35 पुलिसकर्मियों को एक इमारत में बंद कर दिया और उन्हें जिंदा जलाने का प्रयास किया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इमारत में फंसे इन पुलिसकर्मियों को  इमारत से बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की मदद ली गई। मेरठ पुलिस ने अपने दावे के संबंध में एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में इमारत में आग लगी हुई है और उसके अंदर से पुलिसकर्मियों को बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है।  

मेरठ शहर के पुलिस अधीक्षक अखिलेश नारायण ने अपने दावे की पुष्टि के लिए दो वीडियो जारी किए हैं। उन्होंने कहा, 'यह लिसाड़ी गेट इलाके में 20 तारीख की शाम की घटना है। यहां हजारों की संख्या में भीड़ आई और वह हिंसक हो गई। भीड़ ने पथराव और फायरिंग करते हुए इन पुलिसकर्मियों को घेर लिया। एक मकान में करीब 35 पुलिसकर्मियों को बंद कर उसमें आग लगाने की कोशिश की गई। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल वहां पहुंचा और उन्हें इमारत से निकाला गया। भीड़ कितनी हिंसक है, इसका अंदाजा दोनों वीडियो को देखकर हो सकता है।'

पुलिस सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार की नमाज को देखते हुए इन 35 पुलिसकर्मियों की तैनाती लिसाड़ी गेट इलाके में हुई थी। सूत्रों का कहना है कि एक इमारत की दुकान में पुलिसकर्मी बैठे थे तभी भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने दुकान का शटर गिराकर उस पर ताला लगा दिया। भीड़ इमारत में आग लगाकर उसे नष्ट कर देना चाहती थी। एसएसपी अजय शाहनी के पास इमारत में फंसे पुलिसकर्मियों के पास से लगातार फोन आ रहे थे। इसके बाद वह अतिरिक्त पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे और वहां फंसे पुलिसकर्मियों को बाहर निकाला। स्थानीय पुलिस का कहना है कि इमारत में स्थानीय पत्रकार भी फंसे थे। 

पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हो गई है और इस घटना की विस्तृत जांच की जाएगी। 

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