देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किये गए। इसका केंद्र हरिद्वार के करीब था। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.9 दर्ज की गई है। इसे मध्यम दर्जे का भूकंप माना जा रहा है। हालांकि इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन दहशत की वजह से लोग घरों से बाहर निकल आए। जानकारों का कहना है कि यह पूरा इलाका जलजले के नजरिए से संवेदनशील है। इस तरह के हल्के फुल्के झटकों के पीछे वजह यह है कि प्लेट आपस में टकराती रहती हैं और उसकी वजह से जो ऊर्जा रिलीज होती है उससे सतह पर कंपन महसूस होता है।
उत्तराखंड में भूकंप का खतरा अधिक
जानकार कहते हैं कि उत्तराखंड के पहाड़ जियोलॉजिकली नए हैं। इसका अर्थ यह है कि अगर जमीन के अंदर किसी तरह की हलचल होगी तो उसका असर साफ साफ दिखाई देगा। जहां तक पहाड़ों में भूकंप के आने का सवाल है तो हल्के फुल्के झटके आते रहते हैं लेकिन वो महसूस नहीं होते हैं। यह बात अलग है कि जब भूकंप का केंद्र जमीन की सतह के करीब होता है तो झटके तेजी से महसूस होते हैं।
जानकारी ही बचाव का उपाय
उत्तराखंड में इसलिए मकानों की बनावट इस तरह से होती है कि अगर भूकंप की तीव्रता ज्यादा हो तो उसकी वजह से नुकसान कम से कम हो। लिहाजा मकानों के निर्माण में लकड़ी का इस्तेमाल होता है। इसके साथ साथ ही लोगों को जागरुक भी किया जाता है। सरकार के साथ स्वंयसेवी संगठन लोगों को जलजले से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देते रहते हैं।
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