Monkeypox guidelines : केरल में मंकीपॉक्स केस की पुष्टि हो जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बीमारी को लेकर गाइडलाइन जारी किया। मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इसके अलावा लोगों को मृत अथवा जीवित जानवरों के संपर्क में नहीं आना चाहिए।
केरल में हुई है पहले केस की पुष्टि
बता दें कि केरल में कुछ दिनों पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आए एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे। इस व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसे भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस माना जा रहा है।
केरल की की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों को बताया, "मंकीपॉक्स के पॉजिटिव केस रिकॉर्ड किए गए हैं। संक्रमित व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आया है। संक्रमित व्यक्ति 12 जुलाई को राज्य में पहुंचा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर की ओर से सारी गाइडलाइन्स का पालन किया जा रहा है।" उनके मुताबिक, "केरल सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है। संक्रमित व्यक्ति की हालत अभी स्थिर है। संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की जानकारी निकाल ली गई है।"
सरकार पहले से अलर्ट है
मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पहले से अलर्ट है। स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पहले ही इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर चुका है। राज्य सरकारों ने भी अपने यहां विदेश यात्रा से आए लोगों की रैंडलम सैंपलिंग की है। गत मई में ICMR ने कहा कि यह संक्रमण बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। इसलिए बच्चों इससे बचाने की आवश्यकता ज्यादा है। एएनआई समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान ICMR वैज्ञानिक डॉ. अर्चना मुखर्जी ने कहां, कि बच्चों को इस संक्रमण से बचाने की अधिक जरूरत है। डॉ. अर्चना मुखर्जी के अनुसार जिन लोगों को 1980 के बाद टीका नहीं लगा है, उनके लिए यह संक्रमण अधिक खतरनाक है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।