नई दिल्ली : भारत में स्वतंत्रता के दर्जे को घटाने वाली अमेरिकी थिंक टैंक को भारत ने शुक्रवार को जवाब दिया। भारत ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक संस्थाएं अच्छे तरीके से स्थापित हैं। सरकार ने कहा कि थिंक टैंक की यह रिपोर्ट 'गुमराह करने वाली, गलत और अनुचित है।' अमेरिकी थिंक टैंक ने भारत का दर्जा 'पूर्ण रूप से स्वतंत्र' से घटाकर 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' किया है। अमेरिकी संस्था की आपत्तियों को बिंदुवार खारिज करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश के संघीय ढांचे का हवाला दिया जहां राज्यों में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाते हैं, जहां पर अलग-अलग राज्यों की सरकारें होती हैं।
'भारत में जीवंत लोकतंत्र'
मंत्रालय के बयान में कहा गया, 'यह दिखाता है कि भारत में जीवंत लोकतंत्र काम करता है। यहां उनको भी जगह मिलती है जो अलग विचार रखते हैं।' 'दुनिया में स्वतंत्रता' नाम से जारी वाशिंगटन स्थित संगठन के मुताबिक मुस्लिमों के साथ भेदभाव एवं सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को प्रताड़ित करने की वजह भारत की रैंकिंग इस साल कम हो गई। इस रिपोर्ट में साल 2020 में भारत हुई कई घटनाओं का जिक्र है। इसमें दिल्ली दंगों, लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सरकार की आलोचना करने वाले लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज होने के बारे में जिक्र किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को नकारा
एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'फ्रीडम हाउस के राजनीतिक फैसले उतने ही गलत व विकृत हैं जितने उनके नक्शे।' श्रीवास्तव ने फ्रीडम हाउस द्वारा भारत का गलत नक्शा दिखाए जाने के संदर्भ में यह बात कही। उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिये कोविड-19 की स्थिति पर, दुनिया भर में हमारी प्रतिक्रिया, हमारी उच्च स्वास्थ्य दर और निम्न मृत्यु दर को व्यापक सराहना मिली।'
'हमें उपदेश न दें'
उन्होंने कहा, 'भारत में संस्थान मजबूत हैं और यहां लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं अच्छे से स्थापित हैं। हमें उनसे उपदेश की आवश्यकता नहीं हैं जो मूलभूत चीजें भी सहीं नहीं कर सकते।' रिपोर्ट के नतीजों का विस्तार से खंडन करते हुए मंत्रालय ने कहा, 'भारत सरकार अपने सभी नागरिकों के साथ समानता का व्यवहार करती है, जैसा देश के संविधान में निहित है और बिना किसी भेदभाव के सभी कानून लागू हैं। भड़काने वाले व्यक्ति की पहचान को ध्यान में रखे बिना, कानून व्यवस्था के मामलों में कानून की प्रक्रिया का पालन किया जाता है।'
हमने उचित कदम उठाए-भारत
मंत्रालय ने कहा, 'जनवरी, 2019 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के खास तौर पर उल्लेख के मद्देनजर, कानून प्रवर्तन तंत्र ने निष्पक्ष और उचित तरीके से तत्परता के साथ काम किया। हालात को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए गए थे। प्राप्त हुई सभी शिकायतों/ कॉल्स पर कानून प्रवर्तन मशीनरी ने कानून और प्रक्रियाओं के तहत आवश्यक विधिक और निरोधात्मक कार्रवाई की थीं।'
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