अग्निपथ स्कीम पर देश के अलग अलग राज्यों में पिछले दो दिन से हिंसा हुई।बिहार बंद के बीच छिटपुट हिंसा की खबरे हैं। लेकिन इन सबके बीच गृहमंत्रालय ने अग्निवीरों को सीएपीएफ में ना सिर्फ 10 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की बल्कि आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया है। हालांकि राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह से कृषि कानूनों को वापस लिया गया ठीक वैसे ही अग्निपथ स्कीम को भी वापस लेना पड़ेगा।
राहुल गांधी का कटाक्ष
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम को देश के युवाओं से माफी मांगनी होगी, पिछले साल किसानों से माफी मांगने के बाद दूसरी बार जब तीन कृषि कानून वापस ले लिए गए थे।उन्होंने कहा, 'लगातार आठ साल से भाजपा सरकार ने 'जय जवान, जय किसान' के मूल्यों का अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काला कृषि कानून वापस लेना होगा। इसी तरह उन्हें 'माफीवर' बनकर देश के युवाओं की बात माननी होगी और 'अग्निपथ' को वापस लेना होगा।
प्रियंका ने भी साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अग्निपथ योजना की वापसी में सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सरकार बेरोजगार युवाओं के दर्द और हताशा को नहीं समझती है, और उनकी मदद करने के बजाय, उम्मीदवारों की भर्ती, रैंक और पेंशन की उम्मीदों को छीन रही है।
चार साल तक सशस्त्र बलों में शामिल करने की योजना
मंगलवार को इस योजना का अनावरण करते हुए, सरकार ने कहा कि 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा, जबकि 25 प्रतिशत रंगरूटों को नियमित सेवा के लिए बनाए रखा जाएगा।योजना का विरोध करने वाले चार साल के कार्यकाल के बारे में चिंतित हैं, जिसके बाद अधिकांश के लिए ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति होगी।केंद्र ने आश्वासन दिया है कि अग्निपतग रंगरूटों का भविष्य असुरक्षित नहीं है, और असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सहित कई भाजपा शासित राज्यों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे अपनी राज्य पुलिस भर्ती में अग्निपथ को प्राथमिकता देंगे।
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