Mumbai: भारत रत्न और महान गायिका लता मंगेशकर के निधन (Lata Mangeshkar Death) पर दो दिन के ''राजकीय शोक'' की घोषणा की गई है। पूरे भारत में छह फरवरी से सात फरवरी तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। करीब एक महीने से बीमार चल रही लता मंगेशकर को कोरोना संक्रमित होने के बाद मुंबई के कैंडी ब्रीच अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर समाज के हर तबके से शोक संदेश आने का सिलसिला जारी है।
दिवंगत लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर फिलहाल पेडार रोड स्थित उनके आवास प्रभु कुंज पर पर रखा गया गया है। साढ़े चार बजे उनका शव शिवाजी पार्क ले जाया जाएगा जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शाम को छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान पहुंच रहे हैं।
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इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा। फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं।मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि महान गायिका लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि लता मंगेशकर के निधन से एक गौरवशाली युग का अंत हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गायिका की सुरीली आवाज अमर रहेगी और उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई दुखी है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘यह दुखद है कि लता मंगेशकर हमें छोड़कर चली गईं। वह मातृतुल्य थीं। उनकी आवाज ने सभी के जीवन में हर स्थिति को जीवंत कर दिया। उनकी आवाज ने भाषा, क्षेत्र, जाति, पंथ और धर्म की बाधाओं को तोड़ दिया। वह हमारे बीच हमेशा मौजूद रहेंगी।’
अब हम आपको ले चलते हैं जन्म स्थान की तरफ जहां लता मंगेशकर ने अपने जीवन की पहली सांस ली थी तब शायद सिख मोहल्ले के गलियों में रहने वाले लोगों ने कभी सोचा नहीं होगा कि इन गलियों में खेलने वाली लड़की स्वर कोकिला के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध होगी। लता मंगेशकर जिस जगह जन्मी वहां आज मेहता क्लॉथ सेंटर खुल गया है। स्नेहल मेहता ने नवभारत टाइम्स से बात करते करते हुए बताया की 1990 के आस पास ये जमीन हमारे परिवार ने ले ली करीब 30 साल से हमारा शो रुम यहॉ चल रहा है़। आज भी मेहता क्लॉथ सेंटर में लता मंगेशकर की म्यूरल लगा हुआ है।
देखें- बचपन में कैसी दिखती थीं लता मंगेशकर
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