मौलाना साद के वकील का दावा-फरार नहीं हैं तब्लीगी जमात के प्रमुख, नोटिस का जवाब देंगे

देश
आलोक राव
Updated Apr 02, 2020 | 14:39 IST

Moulana Saad Tablighi Jamat: वकील ने कहा है कि जमात के लोग नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर तब्लीगी जमात के साथ अपने संबंधों एवं सपर्कों में बताएं। वे अपना मेडिकल टेस्ट कराने और क्वरंटाइन में भेजे जाने की पेशकश करें।

Molana Saad's Advocate claims Tablighi Jamat leader is not absconding
केस दर्ज होने के बाद से फरार हैं मौलाना साद। 
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस से संक्रमण के एक बड़े केंद्र के रूप में उभरा है मरकज निजामुद्दीन
  • यहां धार्मक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए विदेशी नागरिकों सहित भारतीय
  • संक्रमण के मामले सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने बंगलेवादी मस्जिद से लोगों को निकाला

नई दिल्ली : तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के वकील मुशर्रफ अली खान गुरुवार को कहा कि जमात के प्रमुख न तो छिपे हैं और न ही अंडर ग्राउंड हैं। जांच अधिकारी का नोटिस उन्हें मिल चुका है और वह इस नोटिस का जवाब तैयार कर रहे हैं। खान ने तब्लीगी जमात के सदस्यों से पुलिस और प्रशासन की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह समय हिंदू-मुस्लिम, सिख और ईसाई का भेद मिटाकर एकजुटता के साथ कोरोना वायरस के खतरे से लड़ने का है। खान ने कहा कि जमात के सदस्यों को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर मेडिकल जांच में सहयोग की पेशकश करनी चाहिए। 

वकील खान ने अपने एक वीडियो में तब्लीगी जमात और उसके प्रमुख मौलाना साद से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दी है। इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि तब्लीगी जमात और मौलाना साद के बारे में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, 'तब्लीगी जमात और मौलाना साद के बारे में जो बातें मीडिया में आ रही हैं वे सही नहीं हैं। इससे लोगों के बीच भ्रांतियां फैल रही हैं। ऐसा होने में कहीं न कहीं हमारी चूक रही है। हमने लोगों को सच्चाई से वाकिफ नहीं कराया।'

खान ने तब्लीगी जमात के सदस्यों से पुलिस और प्रशासन की मदद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, 'इस मुश्किल घड़ी में जमात के लोग प्रशासन की मदद करें। उन्हें कुछ छिपाने और पुलिस से छिपने की जरूरत नहीं है। वे खुद अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर तब्लीगी जमात के साथ अपने संबंधों एवं सपर्कों के बारे में बताएं। वे अपना मेडिकल टेस्ट कराने और क्वरंटाइन में भेजे जाने की पेशकश करें।' 

खान ने आगे कहा कि कोविड-19 संक्रमण के फैलाने में मरकज की गलती है या नहीं इस पर एफआईआर दर्ज हो गई है। इस सिलसिले में जांच अधिकारी (आईओ) ने बुधवार को नोटिस जारी किया और यह नोटिस मौलाना साद को मिल गया है। मौलाना साद इसका जवाब तैयार कर रहे हैं। यह एक अलग मुद्दा है जिसे मरकज के लोग और प्रशासन के लोग देखेंगे। जमात के अन्य लोगों को इस बहस में पड़ने की जरूरत नहीं है।' 

बता दें कि मार्च के मध्य में मरकज निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में करीब 4000 लोग शामिल हुए। जमात के लोग यहां से करीब 20 राज्यों में गए। जांच में सामने आया है कि यहां से जमात के लोग जिन राज्यों में पहुंचे वहां पर बड़ी संख्या में कोविड-19 से संक्रमण के केस सामने आए। इसके बाद मरकज निजामुद्दीन से हजारों की संख्या में लोगों को निकाला गया। साथ ही प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई न करने के लिए तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद सहित कई लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है।

मौलाना साद एफआईआर दर्ज होने के बाद लापता हैं। पुलिस ने बुधवार को मौलाना को उनके दो स्थानों पर ढूंढा लेकिन वह नहीं मिले। इस बीच उनके दो ऑडियो क्लिप सामने आए हैं। एक ऑडियो क्लिप में उन्होंने खुद को क्वरंटाइन में रखने का दावा किया है। मौलाना ने अपने जमात के सदस्यों से पुलिस एवं प्रशासन का सहयोग करने का अनुरोध किया है। 

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