नई दिल्ली। किसान बिल 2020 पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लग चुकी है। यह बात अलग है कि सड़क पर किसानों और सदन में विरोधी दलों का विरोध जारी है। राज्यसभा से उपसभापति से दुर्व्यवहार मामले में आठ सांसद निलंबित किए गए हैं। लेकिन उन सांसदों ने कहा कि उपसभापति को नुकसान पहुंचाने की मंशा नहीं थी और निलंबन के खिलाफ संसद भवन परिसर में रतजगा किया। इन सबके बीच बीजेपी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को मंगलवार को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। बताया जा रहा है कि सरकार राज्यसभा में कोई महत्वपूर्ण बिल पेश कर सकती है।
कृषि बिल पर विपक्ष को है ऐतराज
कृषि बिल के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था कि इस ऐतिहासिक बिल का जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें 2009 से 2014 के कालखंड को भी देखना चाहिए। केंद्र सरकार ने रबी की खेती के लिए एमएसपी भी जारी कर दिया। यह बात अलग है कि अभी खरीफ की फसल ही नहीं तैयार हुई है। माना जा रहा है कि विपक्षियों की धार को कुंद करने के लिए एमएसपी बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है।
लोकसभा और राज्यसभा से ऐतिहासिक बिल हो चुके हैं पास
लोकसभा और राज्यसभा से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को पारित किया गया है। इसके अलावा सोमवार को लोकसभा से विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक 2020, महामारी रोग (संशोधन) विधेयक 2020 भी पारित हो चुका है। लावा दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक 2020 भी लोकसभा से पास किया गया जबकि यह बिल राज्यसभा से पहले ही पारित हो चुका है।
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