स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन से दुखी हुए मोरारी बापू, कुछ इस तरह दी विनम्र श्रद्धांजलि

Morari Bapu on Swami Swaroopanand Saraswati : द्वारका शारदापीठ स्वामी शंकराचार्य सरस्वती का रविवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर स्तिथ झोतेश्वर परमहंस गंगा आश्रम में निधन हो गया। उनके निधन पर मोरारी बापू ने गहरा दुख जताया है।

Morari Bapu was saddened by the death of Swami Swaroopanand Saraswati paid last tribute
प्रसिद्ध रामकथा वाचक मोरारी बापू ने जताया उनके निधन पर दुख 
मुख्य बातें
  • द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को हुआ था निधन
  • प्रसिद्ध रामकथा वाचक मोरारी बापू ने जताया उनके निधन पर दुख
  • शंकराचार्य पिछले एक साल से अधिक समय से बीमार चल रहे थे

Morari Bapu on Swami Swaroopanand Saraswati: द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। 99  साल के स्वरूपानंद सरस्वती को‘क्रांतिकारी साधु' के रूप में भी जाना जाता था। उनके निधन पर तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। खबर के मुताबिक, आज दोपहर में करीब तीन से चार बजे के बीच उनके आश्रम परिसर में ही उन्हें भू समाधि दी जाएगी। 

मोरारी बापू ने अर्पित की श्रद्धांजलि

देश के चर्चित रामकथा वाचक मोरारी बापू ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक जताया है। एक बयान जारी करते हुए मोरारी बापू ने कहा, 'हमारे सनातन, वैदिक, सास्वतीय परंपरा के जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य की दिव्य परंपरा के एक महापुरुष, हमारे द्वारका के शारदापीठाधीश्वर भगवान स्वरूपानंद जी निर्वाण पथ को प्राप्त कर गए हैं। समग्र सनातन धर्म, वैदिक परंपरा, हम सबके लिए बहुत बड़ी क्षति है। विशेषकर कि मेरी व्यक्तिगत के प्रति आपका आदर और वात्सल्य बहता रहा। जब जब दर्शन करने गया, बहुत स्नेह से आशीर्वाद देते रहे। ऐसे हमारी संस्कृति की महान ज्योति ब्रह्मलीन हुई है। हम और क्या कहें लेकिन इस निर्वाण को मानसिक रूप में मेरा दंडवत प्रणाम, मेरी अंत:करण की पूरी श्रद्धांजलि मैं समर्पित करता हूं। और कुछ ना कहकर नतमस्तक होकर पुन: एक बार फिर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।' उन्होंने Swami Swaroopanand Saraswati की मौत के बाद एक नोट लिखा जिसमें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

पीएम मोदी ने भी जताया दुख

शंकराचार्य के अनुयायियों ने कहा कि वह 1981 में शंकराचार्य बने और हाल ही में शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन मनाया गया। उनके लाखों अनुयायियों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। उनके अनुयायियों ने बताया कि शंकराचार्य को उस समय भी हिरासत में लिया गया जब वह राम मंदिर निर्माण के लिए एक यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और संत के अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

अपने मन की बात कहने के लिए जाने जाने वाले स्वामी स्वरूपानंद ने जून 2012 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री को गंगा नदी पर पनबिजली परियोजनाओं, बांधों और बैराजों के खिलाफ अपने रुख के बारे में बताया था। 

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