नई दिल्ली : लखीमपुर खीरी की घटना पर एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को इस्तीफा देने के लिए विपक्ष ने सरकार पर दबाव बनाया है। गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्ष अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा करने लगा। विपक्ष के शोर-शराबे एवं हंगामे को देखते हुए लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही दिन के 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के दबाव के बावजूद सरकार टेनी का इस्तीफा लेने के पक्ष में नहीं दिख रही है।
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार के भीतर एवं भाजपा के लोगों का मानना है कि मामले में एसआईटी की रिपोर्ट अभी फाइनल नहीं है। खासतौर से यह मामला अजय मिश्र से नहीं बल्कि उनके बेटे आशीष मिश्र से जुड़ा है। दरअसल, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि लखीमपुर में साजिश के तहत किसानों को कुचलकर मारा गया। इस बीच, अजय मिश्र दिल्ली पहुंच गए हैं और उन्होंने अपने मंत्रालय का काम संभाला है। वह गुरुवार को अपने विभाग का काम निपटाते दिखे।
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वहीं, इस पूरे मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पुलिस ने एक नई चार्जशीट फाइल की है। इस मामले की जांच उचित तरीके से चले यह सुनिश्चित करने के लिए एक रिटायर्ड जज इसकी निगरानी कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्य मंत्री का लड़का शामिल है और वह खुद साजिशकर्ता है। राज्य मंत्री का लड़का और उसके 13 दोस्तों ने किसानों की हत्या की। कांग्रेस नेता ने कहा कि लखीमपुर खीरी घटना पर चर्चा के लिए उन्होंने राज्यसभा में चर्चा कराए के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, 'हम इस घटना पर चर्चा करना चाहते थे क्योंकि एसआईटी की रिपोर्ट में साजिश की बात कही गई है।'
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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है। संसद चर्चा करने की जगह है। हम विपक्ष से रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करते हैं। हमने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया लेकिन उन्होंने हमारे अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, '2024 का चुनाव होने में अभी काफी समय है। चुनाव के समय हम भी 'खेला' करेंगे लेकिन अभी संसद में चर्चा होने दें।'
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