रायपुर : छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने सहित आय वृद्धि के लिए संचालित मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के प्रति लोगों का रूझान दिनों-दिन बढ़ने लगा है। इसके तहत राज्य में अब तक 01 हजार 757 हितग्राहियों, ग्राम पंचायतों तथा वन प्रबंधन समितियों द्वारा योजना से जुड़कर 01 लाख 21 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। इनका रोपण 03 हजार 243 एकड़ रकबा में हुआ है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का कुशलतापूर्वक संचालन जारी है। योजना के अंतर्गत अब तक लाभान्वित कुल हितग्राहियों में से वन अधिकार मान्यता पत्र धारी 736 हितग्राहियों द्वारा 01 हजार 286 एकड़ रकबा में 20 हजार 650 पौधों का रोपण किया गया है। इसके अलावा 902 ग्राम पंचायतों द्वारा 01 हजार 497 एकड़ रकबा में 01 लाख 90 हजार पौधों तथा 119 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा 460 एकड़ रकबा में 01 लाख 21 हजार पौधों का रोपण किया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना छत्तीसगढ़ में एक जून 2021 से लागू की गई है। योजना के अंतर्गत गैर वनीय क्षेत्रों में ईमारती, गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस अन्य लघु वनोपज तथा औषधीय पौधों का वृहद पैमाने पर रोपण का महत्वपूर्ण प्रावधान है। इससे निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों तथा ग्राम पंचायतों की भूमि पर ईमारती, गैर ईमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक और औद्योगिकी वृक्षारोपण सहित कृषि वानिकी को प्रोत्साहन मिलेगा। इस तरह निजी तथा सामुदायिक भूमि पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर काष्ठ का उत्पादन बढ़ाना है। साथ ही वनों में उपलब्ध काष्ठ पर जैविक दबाव कम करते हुए वनों को सुरक्षित रखा जाना भी है। योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियां पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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