राजद्रोह केस में सांसद नवनीत राणा को जमानत मिल गई है। मुंबई सेशंस कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानज दे दी है। अदालत ने मीडिया से बात नहीं करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही जांच प्रक्रिया में किसी तरह बाधा पहुंचाने के लिए नहीं कहा है। इसके साथ ही गवाहों को प्रभावित नहीं करने का भी आदेश है। जमानत पर रहते हुए अपराध नहीं करेंगे। 50,000 की सेक्युरिटी जमा करनी होगी। बता दें कि तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें बुधवार को भायखला जेल से जे जे अस्पताल में शिफ्ट किया गया था।
अदालत के सामने महाराष्ट्र सरकार का क्या था पक्ष
नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत अर्जी पर सुनवाई कई दफे टली थी। अदालत के सामने महाराष्ट्र सरकार ने दलील पेश करते हुए कहा कि राजद्रोह का केस लगाने के पीछे पुख्ता वजह हैं। यदि आलोचना या सार्वजनिक कार्रवाई पर टिप्पणी को कड़े शब्दों में उचित सीमा के भीतर कहा जाए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के अनुरूप है, तो धारा 124 (ए) के दायरे में नहीं आते हैं। लेकिन जब शब्दों के प्रयोग से सार्वजनिक अव्यवस्था या कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी पैदा करने की घातक प्रवृत्ति या इरादा होता है, तो धारा 124 (ए) के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
राजद्रोह केस के लिए पुख्ता वजह
आरोपियों ने मुंबई का पता तो दिया है लेकिन उनका आवास अमरावती में है। जमानत मिलने पर वे जांच के लिए दिए गए समय पर उपलब्ध नहीं होंगे।आरोपी विधायक और सांसद हैं और आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जमानत पर रिहा होने पर आरोपी गवाहों को प्रभावित करने और छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगाजांच से पता चला है कि आरोपी ऐसे व्यक्ति हैं जो मजबूत राजनीतिक विरोधियों और पवित्र "स्तोत्र" (धार्मिक पुस्तक) का उपयोग करने के लिए एक बहुत ही चतुर कदम उठा चुके हैं। उन्होंने पुष्टि किए गए तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पूर्व-गणना तरीके से एक प्रभावी योजना तैयार की जो इस तरह से हैं।
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