नई दिल्ली: सीएए को लेकर देश में विरोध की बयार बह रही है कहीं प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं पर विरोध स्वरुप जूलूस निकाले जा रहे हैं तो कहीं धरना दिया जा रहा है, नागरिकता कानून का विरोध करने वाले अलग अलग तरीके से इस मसले पर विरोध जता रहे हैं वहीं केरल के मल्लपुरम के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में दावा किया जा रहा है कि मुस्लिमों ने हिंदुओं को पानी देने से रोका है।
इस बारे में बीजेपी नेता संबित पात्रा ने एक ट्वीट किया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि केरल के मल्लपुरम जिले के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मुस्लिम "अल्पसंख्यक" हिंदुओं को पानी देने से मना कर दिया, क्योंकि इन गरीब ज्यादातर दलित हिंदुओं ने CAA का समर्थन किया था .. गाँव-जामुनी तहज़ीब हम्म बिना पानी ??
दिल्ली के शाहीन बाग में भी सीएए को लेकर लंबे समय से आंदोलन जारी है वहीं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का बयान सामने आया था।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार रात को प्रदशर्नकारियों को संबोधित करते हुए फैजुल हसन ने ये कहा।
AMUSU के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा है कि सब्र की अगर सीमा देखना चाहते हैं तो 1947 के बाद 2020 तक हिंदुस्तानी मुसलमानों के सब्र की सीमा देखिए। कभी कोशिश नहीं की कि हिंदुस्तान टूट जाए वरना हम उस कौम से हैं कि अगर बर्बाद करने पर आए तो छोड़ेंगे नहीं किसी देश को इतना गुस्सा है।
फैजुल हसन ने आगे कहा था कि अमित शाह आएं और हमारे 12वीं क्लास के स्टूडेंट के साथ डिबेट करें। उम्मीद है वो जीत नहीं पाएंगे। वो पांच प्वाइंट भी दे दें तो मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा प्रोटेस्ट करूंगा सीएए के पक्ष में।
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