हार्दिक पटेल अब कांग्रेस में नहीं है। तीन भाषाओं में खत लिखकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर कई तरह के आरोप लगाए और कहा था कि गुजरात में कांग्रेस खुद को खत्म कर रही है। इसके साथ ही बताया कि उनके पिता का कांग्रेस में शामिल होने के बारे में कैसा नजरिया था। उनके पिता कहा करते थे कि मैंने गलत पार्टी ज्वाइन कर ली है। हार्दिक पटेल का इस्तीफा इस साल के अंत में होने वाले गुजरात चुनाव से ठीक पहले आया है।
चार मुद्दों पर हार्दिक ने रखी राय
हार्दिक पटेल ने यह नहीं बताया कि वो किस दल में शामिल होंगे। लेकिन यह जरूर कहा कि रास्ता तय है और सभी को बहुत जल्द पता चल जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति अपने राजनीतिक जीवन में चार मुद्दों को लेकर आगे बढ़ता है जिसमें समाज का हित, राष्ट्र का हित, राज्य का हित शामिल है। मैं वह सब हासिल करूंगा जो मैं कांग्रेस के साथ रहते हुए हासिल नहीं कर सका। मैं गुजरात के लोगों के रास्ते पर चलूंगा और उनके फायदे के लिए काम करूंगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या चार मुद्दों का उनका उल्लेख उनके भाजपा में शामिल होने का संकेत है।
10 दिन में निर्णायक फैसला
हार्दिक पटेल ने कहा कि वह अगले 10 दिनों में अपने फैसले की घोषणा करेंगे। गुजरात कांग्रेस के पूर्व नेता ने पार्टी की खिंचाई की और कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगा। मेरे द्वारा बताए गए चार मुद्दों पर कांग्रेस काम करने के लिए तैयार थी। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले सात साल से गुजरात की राजनीति में हूं। कांग्रेस पिछले कई सालों से सत्ता में नहीं है। गुजरात के लोग कांग्रेस पार्टी को पसंद नहीं करते हैं और इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। गुजरात के लोग भारतीय जनता पार्टी को स्वीकार करने के लिए अधिक इच्छुक हैं। मैंने जिन चार मुद्दों पर बात की है, वे उस पार्टी से अच्छी तरह मेल खाते हैं जो सत्ता में है। मेरा फैसला अगले 10 दिनों में सबके सामने होगा।
मेवाणी के आरोपों पर बोलने से इनकार
इससे पहले गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने हार्दिक पटेल पर कांग्रेस छोड़ने और इसके खिलाफ टिप्पणी करने पर निशाना साधा था। जिग्नेश मेवाणी ने हार्दिक पटेल पर वैचारिक समझौता करने का आरोप लगाया था। मेवाणी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर हार्दिक पटेल ने कहा कि इस तरह की बातें उस पार्टी के भीतर बहुत होती हैं जो वैचारिक रूप से समझौता करती है। मेरी विचारधारा केवल जनहित है। कांग्रेस किसके लिए काम करना चाहती है? अगर आप कह रहे हैं कि मैंने जनहित में काम करके अपनी विचारधारा बदली है तो मैं कहूंगा कि हां, मैंने अपनी विचारधारा बदल ली है. चाहे वह सामाजिक हित का मामला हो, राज्य हित का हो या राष्ट्रीय हित का हो, मैंने एक वैचारिक परिवर्तन किया है।हालांकि हार्दिक पटेल ने जिग्नेश मेवाणी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा, 'मैं अपने दोस्त के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता।
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