नई दिल्ली: कोरोना संकट को चमगादड़ों से शुरुआत से ही जोड़कर देखा जा रहा है। कई शोध में ये दावा किया गया है कि कोरोना वायरस का चमगादड़ों से संबंध है। ऐसे में भारत में कोरान संकट के चरम पर अचनाक से देश के विभिन्न भागों से चमगादड़ों की रहस्यमयी तरीके से मौत की खबरें आ रही हैं।
पहली घटना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आई। जहां बेलघाट इलाके में मौजूद एक आम के बगीचे में मंगलवार को चारों ओर कई सारे चमगादड़ों को मृत पाया गया, जिसके बाद बाग के मालिक ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग के कर्मी जिस समय तक वहां पहुंचे, तब तक और भी अधिक चमगादड़ों की पेड़ से गिरकर मौत हो चुकी थी, जिसके चलते यह आंकड़ा 52 तक पहुंच गया।
प्रभागीय वनाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा, मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए तीन चमगादड़ों के शवों को बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में भेजा गया है। मौत होने की वजह गर्म हवाओं की लपटें या कीटनाशक हो सकती है। इस वक्त इसे कोरोना से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं। हालांकि इस घटना के महज कुछ ही समय के अंदर गोरखपुर और इसके आसपास के इलाकों में मौजूद लोगों में डर पैदा हो गया।
मध्यप्रदेश के बैतूल में भी हुआ ऐसा
ऐसी ही दूसरी खबर मध्यप्रदेश से भी आई है। मध्य प्रदेश के बौतूल जिले के एक गांव में अचानक से चमगादड़ों की मौत ने लोगों को दहशत में डाल दिया। बैतूल के भीमपुर ब्लाक में अचनाक से दर्जनों चमगादड़ों की मौत हो गई। नीलगिरी के पेड़ों पर लटके दर्जनों चमगादड़ मरने के बाद पेड़ों के नीचे बिखरे पड़े हैं तो कई अब भी पेड़ों पर मृत अवस्था में लटके हुए हैं। ऐसा वहां पिछले चार पांच दिन से हो रहा है। इसलिए ग्रामीणों में इसकी वजह से दहशत फैल गई है।
हालांकि पशु चिकित्सक प्रारंभिक तौर से इसे तेज गर्मी से जोड़कर देख रहे हैं। यहां के लोग भी इसे कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं। चमगादड़ों की मौत के बाद वन और पशु चिकित्सा विभाग को स्थानीय लोगों ने सूचना दी थी जिसके बाद यहां पहुंचे पशु चिकित्सा दल ने चमगादड़ों का पोस्टमार्टम कर सैंपल इकट्ठे किए और जांच के लिए भोपाल भेजा दिया गया।
जांच का है इंतजार
दोनों ही राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। बैतूल पठारी इलाका है और नागपुर के करीब है वहां भी गर्मी पड़ती है। वहीं गोरखपुर में भी इन दिनों प्रचंड गर्मी है। ऐसे में गर्मी इन चमगादड़ों की मौत का एक कारण हो सकता है लेकिन दोनों ही राज्यों की सरकारें घटनाओं को हलके में नहीं ले रही हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।