PM मोदी से काशी को 1800 करोड़ की सौगातः बोले- पहले पढ़ाई का मतलब था नौकरी, संकुचित सोच से निकलना है जरूरी

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 07, 2022 | 19:24 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में कुछ स्कूल के बच्चों से भी मुलाकात की। उन्होंने संबोधन के दौरान बताया कि उन्हें बच्चों से मिलकर खुशी हुई।

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यूपी के बनारस में सात जुलाई, 2022 को एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन देते हुए पीएम मोदी।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री लगभग चार महीने बाद वाराणसी दौरे पर आए
  • बोले PM- शिक्षा और शोध का मंथन फिलहाल जारी है
  • आज हमारे भारत के युवाओं पर है बड़ी जिम्मेदारी- पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (सात जुलाई, 2022) को कहा कि देश के युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है। हमारे यहां मेधावियों की कमी तो नहीं है, पर शिक्षा को संकुचित सोच से निकालना जरूरी है। हमें बच्चों के मन समझना होगा। उन्हें उनकी पसंद की शिक्षा देना जरूरी है। पीएम के मुताबिक, "नई शिक्षा नीति देश को दिशा देगी। हालांकि, जिम्मेदारी बढ़ी है, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था भी बढ़ रही है।"

मिड डे मील किचन का किया दौरा, साथ रहे योगी
दरअसल, प्रधानमंत्री ने करीब चार महीने बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया। पीएम ने इस दौरान काशी को 1800 करोड़ रुपए की सौगात दी। पीएम ने इन विकास योजनाओं पर ऐलान और संबोधन से पहले अक्षय पात्र मिड डे मील किचन का उद्घाटन किया। वह इस दौरान खुद किचन में गए और एक-एक चीज का जायजा लेने लगे। उनके साथ तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुछ अफसर भी मौजूद रहे, जो साथ में पीछे-पीछे चल रहे थे। 

वह इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर-रुद्राक्ष पहुंचे। वहां उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा- अखिल भारतीय शिक्षा समागन का आयोजन उस धरती पर हो रहा हैं, जहां पर आजादी से पहले देश की महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।

सिर्फ डिग्री धारक युवा तैयार न करें- PM
उन्होंने कहा- बच्चों को पसंद की शिक्षा देना जरूरी। हमें खुद को बदलना होगा। व्यवस्थाओं को विकसित करना होगा। हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की ज़रूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था वो देश को दें। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है। हमारे युवा कुशल हों, आत्मविश्वासी हों, व्यावहारिक और गणनात्मक हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।

अंग्रेजों का जिक्र कर पीएम मोदी ने कही यह बड़ी बात
बकौल पीएम, "शिक्षा में ये विकार गुलामी के कालखंड में अंग्रेजों ने अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए और अपने लिए एक सेवक वर्ग तैयार करने के लिए किया था। हमारे शिक्षक जितनी तेज़ी से इस भावना से आत्मसात करेंगे उतनी तेजी से छात्र-छात्राओं, देश के युवाओं को लाभ होगा। नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण उतना ही ज़रुरी है।"

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