सर्वे में मोदी का करिश्मा 2014 जैसा बरकरार, राहुल गांधी की रेटिंग माइनस में

देश
आईएएनएस
Updated Jan 16, 2021 | 14:00 IST

एक ताजा सर्वे के मुताबिक पीएम मोदी की छवि अभी भी पहले की तरह बरकरार है लेकिन भाजपा के मुख्यमंत्रियों तथा सांसदों को लेकर सत्ता विरोधी लहर है।

Narendra Modi most preferred for PM's post, way ahead of Rahul Gandhi, says survey
सर्वे में मोदी का करिश्मा बरकरार, राहुल की रेटिंग माइनस में 
मुख्य बातें
  • मोदी का करिश्मा भाजपा के मुख्यमंत्रियों, सांसदों के प्रति सत्ताविरोधी लहर से जूझ रहा : सर्वे
  • सर्वे में राहुल गांधी को कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा
  • मोदी की विशुद्ध लोकप्रियता 25 सर्वेक्षणों में से 19 राज्यों में अखिल भारतीय औसत से अधिक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे और लोकप्रियता ने भाजपा की बागडोर संभाल रखी है, जो फिलहाल भाजपा के मुख्यमंत्री और सांसद स्तर पर सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। आईएएनएस सी-वोटर स्टेट ऑफ द नेशन 2021 के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। सरकार की छवि को हाल ही में झटका लगने के बावजूद, मोदी राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों से ऊपर हैं। कोविड-19 संकट के दौरान, दुनिया भर में सरकार समर्थक भावनाओं के आधार पर उनके समर्थकों की संख्या और बढ़ गई, जो मजबूत निर्णय लेने वाले नेता माने जाते हैं। मोदी आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं, जितने 16 मई 2014 को थे, जब भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।

सांसद और सीएम स्तर पर सत्ता विरोधी लहर

सत्तारूढ़ गठबंधन के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन के मुकाबले पीछे हैं। हालांकि यह समझ में आता है कि स्थानीय नेता मोदी जैसे करिश्माई नेता के आगे सुस्त हैं, लेकिन लगातार पिछड़ापन भविष्य के चुनावी प्रदर्शन पर भारी पड़ सकता है। सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि मोदी टेफ्लॉन हो सकते हैं लेकिन उनके मुख्यमंत्री नहीं हैं। देशमुख ने कहा, 'भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की एक तीन परते होगी, जहां वह सत्ता में है - केंद्र, राज्य और सांसद। मोदी को अपनी लोकप्रियता के साथ इन तीन परतों से निपटना होगा।'

केंद्र में बनी रहेगी बीजेपी

उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर कोई विकल्प नहीं है जबकि दिल्ली जैसे कुछ राज्य प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न दलों के लिए एक विभाजित जनादेश या मतदान का संकेत दे रहे हैं। ऐसे मामलों में, भाजपा केंद्र में बनी रहेगी, लेकिन अगर राज्य स्तर पर अलोकप्रियता अनियंत्रित हो जाती है, तो यह भगवा पार्टी के लिए मुश्किल पैदा करेगा। मोदी की विशुद्ध लोकप्रियता 25 सर्वेक्षणों में से 19 राज्यों में अखिल भारतीय औसत से अधिक (44.55) है। मोदी का तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के दो बड़े राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम स्कोर है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले में 45 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग चुनावी रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री की इन्हीं रेटिंग्स के चलते ही भाजपा को 70 से अधिक लोकसभा सीटें और 300 से ज्यादा विधानसभा सीटें मिली थीं।

मोदी की लोकप्रियता

केंद्र सरकार की विशुद्ध अप्रूवल रेटिंग प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से निकटता से संबंधित है। 36.5 का अखिल भारतीय औसत अंतराल मोदी का अखिल भारतीय औसत 44.55 के मुकाबले कम है। चुनावी तौर पर, मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार के बीच की खाई को भाजपा द्वारा छेड़े गए मोदी लाभांश के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके अलावा, मोदी की लोकप्रियता के ट्रेंड के समान, केंद्र सरकार की लोकप्रियता कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु और पंजाब में विशुद्ध रूप से औसतन नीचे है।

राहुल गांधी को कोई फायदा नहीं

सर्वेक्षण में राहुल गांधी के विपक्षी नेता के रूप में पुनरुत्थान का संकेत नहीं मिलता है। उनकी अखिल भारतीय विशुद्ध अनुमोदन रेटिंग माइनस 5 है। राहुल गांधी सर्वेक्षण में शामिल 25 राज्यों में से 10 राज्यों में अपने अखिल भारतीय औसत से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इन 10 राज्यों में भी, वह केवल चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों - केरल, तमिलनाडु, जम्मू और तेलंगाना में 10 से अधिक विशुद्ध समर्थन पाते हैं। राहुल गांधी हरियाणा और पंजाब में मोदी को खास समर्थन नहीं मिलने का लाभ उठाने में असमर्थ रहे हैं। दूसरे शब्दों में, प्रधानमंत्री मोदी से नाराज मतदाता राहुल गांधी के साथ नहीं हैं। देश भर में 30,000 से अधिक उत्तरदाताओं के बीच सर्वेक्षण किया गया था।

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