नई दिल्ली। शब्दों के साथ, जनता के नब्ज पकड़ने के बारे में कहा जाता है कि हिंदुस्तान में नरेंद्र मोदी जैसा कोई शख्स नहीं है। विरोधी लाख विरोध करें लेकिन दबी जुबान मानते हैं कि वो शब्दों के साथ खेलने में माहिर है। पीएम मोदी के राजनीतिक सफर को देखें तो किसी भी शासकीय जिम्मेदारी को निभाने से पहले वो सरकार के हिस्सा नहीं थे। यब बात अलग है कि जब उन्हें जिम्मेदारी मिली तो तो उनके साथ काम करने वाले नौकरशाह भी हैरत में पड़ जाते थे।
पीएम मोदी के नेतृत्व के 20 वर्ष पूरे
सार्वजनिक सेवा में पीएम मोदी दशकों से सक्रिय रहे हैं। लेकिन नेतृत्व के 20 साल पूरे होने पर उन्हें बीजेपी के नेताओं मे बधाइयां दी। अगर पीएम मोदी के कार्यकाल को देखें तो 14 वर्ष तक वो गुजरात के सीएम रहे और पिछले 6 वर्ष से वो देश की कमान संभाल रहे हैं। पीएम मोदी बार बार कहते हैं कि उनका मकसद है भारत एक ऐसा खुशहाल देश बने जो विश्व के लिए आदर्श हो।
बचपन से मेरे मन में एक बात संस्कारित हुई कि जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप होती है और लोकतंत्र में ईश्वर की तरह ही शक्तिमान होती है। इतने लंबे कालखंड तक देशवासियों ने मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी हैं, उन्हें निभाने के लिए मैंने पूरी तरह से प्रामाणिक और समर्पित प्रयास किए हैं।
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