तो मोदी जी को सात बार पढ़ना पड़ता नमाज, राजस्थान के कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी भड़की

देश
भंवर पुष्पेंद्र
Updated Aug 30, 2022 | 11:20 IST

कहते हैं कि राजनेताओं को मर्यादित व्यवहार करना चाहिए। लेकिन वोटबैंक की पॉलिटिक्स में सभी तरह की वर्जनाएं टूट रही हैं। राजस्थान के झूंझनू जिले में एक नगर पंचायत चिड़ावा है। इस पंचायत की प्रधान और कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर मुसलमानों की आबादी हिंदुओं के बराबर होती तो मोदी जी को सात बार नमाज पढ़ना पड़ता।

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नरेंद्र मोदी पर चिड़ावा पंचायत समिति के अध्यक्ष के बिगड़े बोल 
मुख्य बातें
  • झूंझनू में है चिड़ावां पंचायत
  • कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी भड़की
  • यह तो तुष्टीकरण की इंतेहा है

झुंझुनूं की चिड़ावा पंचायत समिति की प्रधान इंद्रा डूडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो विवादित बयान दिया था उसे लेकर भाजपा आक्रामक होती नज़र आ रही है। गौरतलब है की इन्द्रा डूडी ने कहा था की यदि देश में आज हिंदुओं जितनी संख्या मुसलमानों की होती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन में 7 बार नमाज पढ़ते। विडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है।

कांग्रेस नेता के बिगड़े बोल
झुंझुनू के सुलताना कस्बे के रामलीला मैदान में दिया वहां की प्रधान इंद्रा डूडी  का एक बयान इन दिनों विवाद का बड़ा कारन बना हुआ है। गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला की मौजूदगी में मंच से इंद्रा डूडी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हिंदू-मुस्लिमों को लड़ाने का काम कर रही है। राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए मोदी सरकार यह गलत काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुसलमान भाई दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं, लेकिन हिंदुओं जितनी संख्या उनकी होती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन में सात बार नमाज पढ़ते। 

बीजेपी ने जताई नाराजगी
पीएम मोदी को लेकर दिए बयान वाले इस विडियो के वायरल होते ही बीजेपी ने इस बयान पर सख्त एतराज जताते हुए कांग्रेस पर एक बार फिर से तुष्टिकरण का आरोप लगा दिया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने यदि एक समुदाय विशेष की आबादी इतनी ही ज्यादा होती तो इसका मतलब यही है की किसी और को पूजा पाठ का अधिकार ही नहीं होता. ऐसे बयान देने वाली नेता को बर्खास्त करना चाहिए. गहलोत सरकार भले ही सामाजिक समानता की बात करती हो लेकिन उसके नेता ऐसे बयान दे ही देते हैं जो की सरकार तुष्टिकरण के कटघरे में खड़े हो जाते है. ऐसे नेताओं के बडबोले बयान गहलोत सरकार की मुहीम का धक्का पहुंचा रहे हैं।

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