नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी मिल चुकी है। देश के कुछ हिस्सों में खुशी की लहर है तो असम और त्रिपुरा में विरोध हो रहा है। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां के लोगों से अपील की है। बुधवार को करीब 6 घंटे की बहस के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने करीब डेढ़ घंटे का जवाब दिया और कहा कि कुछ राजनीतिक दलों को इस बात से ऐतराज है कि इस बिल को क्यों लाया गया और वो जनता के बीत भ्रम का निर्माण कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वो असम के भाइयों और बहनों से अपील करते हैं कि उन्हें डरने या चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। वो एक बार फिर सबको भरोसा देते हैं कि किसी के भी अधिकारों या विशिष्ट पहचान के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। असम में रहने वाले प्रत्येक लोगों की भलाई की जिम्मेदारी सरकार की है और वो अपने वादे को निभाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वो खुद और केंद्र सरकार पूरी तरह आसामी जनता के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और जमीन अधिकार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। क्लॉज 6 में जो व्यवस्था है उसकी हिफाजत पूरी तरह की जाएगी। वो लोगों से अपील करते हैं कि किसी के बहकावे में न आएं। बता दें कि संसद के निचले सदन यानि लोकसभा में जब इस बिल को पेश किया गया था असम में उसी दिन से विरोध शुरू हो चुका था। ये बात अलग है कि लोकसभा में भी गृह मंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि नागरिकता संशोधन बिल किसी के खिलाफ नहीं है, कुछ लोगों की कोशिश है कि इस बिल के उदाहरण से समाज में वैमनस्यता फैलाई जाऐ। लेकिन उन लोगों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
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