चंडीगढ़ : राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में विगत कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है, जिसकी वजह से सुबह के वक्त भी आसमान में धुंध की चादर देखी गई। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में बढ़ोतरी की एक बहुत बड़ी वजह पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं को बताया जा रहा है। अब नासा की सैटेलाइट तस्वीरों से भी स्पष्ट है कि इस सप्ताह पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने में वृद्धि हुई है।
नासा की सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में 25 अक्टूबर के बाद पराली जलाने की घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी हुई है। इन तस्वीरों में दोनों राज्यों के एक बड़े हिस्से में पराली जलाने की घटनाओं को नारंगी रंग से रंगे क्षेत्र में देखा जा सकता है। ये तस्वीरें पंजाब व हरियाणा सरकार के उन दावों की भी पोल खोलती हैं कि वे पराली जलाने के खतरों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में काम किया जा रहा है।
विगत करीब एक सप्ताह में दिल्ली की हवा और 'जहरीली' हुई है। दिन के समय भी आसमान में धुंध की स्थिति देखी जा सकती है। यहां प्रदूषण के स्तर में जो बढ़ोतरी हुई है, उसमें पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं का भी बड़ा योगदान है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में शनिवार को पराली जलाने का योगदान करीब 32 फीसदी रहा, जबकि शुक्रवार को यह 19 प्रतिशत था।
पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण का कारण हवा की दिशा भी है, जो प्रदूषक तत्वों को दिल्ली की तरफ लाती है। वहीं इस संबंध में पंजाब के अमृतसर व तरन तारन जिलों के किसानों का कहना है कि वे पराली जलाकर प्रदूषण फैलाना नहीं चाहते, लेकिन वे मजबूरन ऐसा करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि उन्हें सरकार से इसके लिए सहायता नहीं मिल रही।
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