नई दिल्ली : अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन गयूरुल हसन रिजवी ने भारत में मुसलमानों की स्थिति और देश के बारे में विवादित बयान देने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान के बयान की निंदा की है। रिजवी ने बुधवार को कहा कि भारतीय मुसलमानों के बारे में जफरूल इस्लाम का बयान गलत है और यह देश की गलत छवि पेश करने वाला है। रिजवी ने कहा कि मुसलमानों के लिए भारत जन्नत है और यह बात अरब देश भी जानते हैं।
'जफरूल का बयान देश की छवि खराब करने वाला'
फजरूल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजवी ने टाइम्स नाउ से कहा, 'जफरूल ने अपने बयान से देश की छवि खराब करने की कोशिश की है। हिंदुस्तान में मुसलमान सम्मानजनक तरीके से रहता है। भारतीय मुसलमानों की स्थिति अरब देशों के मुस्लिमों से अच्छी है। मैं तो कहूंगा कि भारत मुसलमानों के लिए जन्नत है। इस तरह के बयान से न केवल यहां के मुसलमानों को परेशानी होगी बल्कि बाहरी मुल्कों में देश की छवि भी खराब होगी।'
सऊदी अरब, यूएई से पीएम मोदी को मिला है सम्मान
उन्होंने आगे कहा, 'जफरूल जिन अरब देशों की बात कर रहे हैं उन देशों ने अपने सबसे बड़े सम्मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नवाजा है। यूएई और सऊदी अरब ने पीएम मोदी को अपना सबसे बड़ा सम्मान दिया है। भारत में मुसलमानों को प्रताड़ित करने की अगर बात होती तो मुस्लिम देश उन्हें सम्मानित नहीं करते। भारत में इस्लामोफोबिया नाम की कोई चीज नहीं है।' रिजवी ने कहा कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे समाज में दूरी बढ़ेगी।
अपन सोशल पोस्ट में खान ने दिया है विवादित बयान
बता दें कि जफरूल ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में उन्होंने कहा, 'कट्टर ये भूल गए हैं कि भारतीय मुसलमानों ने शताब्दियों से इस्लाम की भलाई के लिए सेवा की है और इसके लिए अरब एवं मुस्लिम जगत में उनका काफी सम्मान है। इस्लामी और अरब विज्ञान में, विश्व विरासत में इनका मान विशाल सांस्कृतिक और सांस्कृतिक योगदान के कारण है। शाह वलीलुल्लाह देहलवी, इकबाल, अबुल हसन नदवी, वहीदुद्दीन खान, जाकिर नाइक जैसे कई सम्मानित नाम अरब एवं मुस्लिम जगत में हैं।'
उन्होंने आगे लिखा, 'कट्टर सोच रखने वाले संभल जाओ। भारतीय मुसलमानों ने तुम्हारे नफरत भरे अभियान, लिंचिंग एवं दंगों के बारे में अब तक अरब एवं मुस्लिम जगत से शिकायत नहीं की है। जिस दिन भारतीय मुस्लिम शिकायत करने के लिए बाध्य हुए वह दिन कट्टर सोच रखने वालों के लिए बहुत भारी पड़ेगा।'
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