पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोला है। सिद्धू के मुताबिक वो एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जिनके पास कोई शक्ति नहीं है। अमृतसर में एक रैली में सिद्धू ने कहा कि उन्हें इतनी भी शक्तियां नहीं दी गई हैं कि एक सचिव या फिर महासचिव की भी नियुक्ति कर सकें।
सिद्धू ने कहा कि मुझे प्रशासन की ताकत नहीं है। सिर्फ संगठन के प्रधान हैं। इससे पहले वे कहते थे अगर फैसले लेने की छूट नहीं दी तो ईंट से ईंट खड़का देंगे। सिद्धू का यह दर्द इसलिए छलका है क्योंकि उन्होंने अपनी इच्छा से जिला प्रधानों की लिस्ट तैयार कर भेजी थी, जिसे कांग्रेस आलाकमान ने रोक लिया दिया था।
दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर शनिवार को राज्य सरकार की कानूनी टीम को बधाई दी। केंद्र ने बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाते हुए उसे असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे के भीतर तलाश, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया है। पहले बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे तक था। सिद्धू ने ट्वीट किया कि मैं बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की अधिसूचना के खिलाफ मूल वाद दायर कर माननीय सुप्रीम कोर्ट का सबसे पहले रुख करने के लिए पंजाब और उसकी कानूनी टीम को बधाई देता हूं।
पंजाब के महाधिवक्ता डी एस पटवालिया ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक मूल वाद दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयक के समक्ष शुक्रवार को वाद सूचीबद्ध किया गया और केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया गया है, जिस पर 28 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
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