'नेपाल ने बनाए मुश्किल हालात, वार्ता के लिए माहौल बनाने का दायित्व भी अब उसी पर'

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Updated Jun 15, 2020 | 22:28 IST

India-Nepal relation : आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि नेपाल ने अपना नया नक्शा जारी कर माहौल को 'खराब' किया है। अब सकारात्मक माहौल बनाने की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है।

Nepal created difficult situation now it should take positive steps for conducive environment : India
नए नक्शे को लेकर भारत-नेपाल के रिश्तों में आई तल्खी।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • नेपाल के अपने नए नक्शे में भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया है
  • इस नए नक्शे के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई है तल्खी
  • भारत ने कहा कि अब बातचीत का माहौल बनाने की जिम्मेदारी नेपाल पर

नई दिल्ली : भारत और नेपाल के बीच बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने का दायित्व नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और उनकी सरकार का है क्योंकि नया राजनीतिक नक्शा जारी करना राजनीतिक फायदा हासिल करने का उसका 'अदूरदर्शी' एजेंडा था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओली सरकार द्वारा नया नक्शा जारी करना भारत के साथ सीमा विवाद का राजनीतिकरण करने का प्रयास था और यह दर्शाता है कि नेपाल दशकों पुराने इस मुद्दों को बातचीत के जरिये हल करने को लेकर गंभीर नहीं है।

नेपाल ने अपने नक्शे में भारतीय क्षेत्र को दर्शाया है
नेपाल ने पिछले महीने देश का एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के विवादित क्षेत्र को दर्शाया गया है, जिन्हें भारत अपना इलाका बताता रहा है। ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट सरकार ने शनिवार को इस नए नक्शे को संसद के निचले सदन से सर्वसम्मति से पारित करा लिया था जबकि भारत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि “कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किये गए क्षेत्रीय दावे स्वीकार करने योग्य नहीं हैं।

'राजनीतिक एजेंडे को साधने वाला है नया नक्शा'
स्थिति पर भारत के रुख को परिलक्षित करते हुए एक सूत्र ने कहा, “यह कार्रवाई अदूरदर्शी और एक सीमित राजनीतिक एजेंडे को साधने वाली है।”सूत्रों ने कहा कि अब यह दायित्व प्रधानमंत्री ओली का है कि वह संवाद का अनुकूल माहौल तैयार करने के लिये सकारात्मक और ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि नया नक्शा जारी करना और उसे कानूनी समर्थन दिलवाना यह स्पष्ट रूप से पर्याप्त संकेत है कि नया नक्शा “राजनीतिक फायदे का एक औजार” है क्योंकि यह न तथ्यों और न ही साक्ष्यों से प्रेरित है।

भारत ने कहा कि यह विकृत दावा
सूत्रों ने कहा कि भारत ने नेपाल के साथ बातचीत के प्रस्ताव पर हमेशा सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और वहां की संसद के निचले सदन में नक्शे के मुद्दे को चर्चा के लिये उठाए जाने से ठीक पहले भी भारत ने इस विषय पर नेपाल से संपर्क किया था। सूत्रों ने ओली के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि नेपाल में कोविड-19 के मामले उन लोगों की वजह से बढ़ रहे हैं जो भारत से वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत और विकृत दावा है।

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