नई दिल्ली। किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को राजनीतिक मंच नहीं बनने दिया है। लेकिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर राजनीतिक दल मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले खेती का खून नाम से बुकलेट जारी किया था और बताया था कि किस तरह से मोदी सरकार कुछ खास लोगों यूं कहें तो चार पांच लोगों के हितों के बारे में सोचती है। शनिवार को तमिलनाडु में राहुल गांधी ने रोड शो किया और एक बार फिर मोदी सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमला किया।
कृषि कानून किसानों के लिए नोटबंदी की तरह
कृषि कानून किसानों के लिए नोटबंदी की तरह हैं। मुझे यह देखकर बहुत गर्व है कि वे दिल्ली से बाहर बैठे हैं और नरेंद्र मोदी को उन्हें लागू करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। वह गरीबों की शक्ति को नहीं समझता है और हमारा काम उसे गरीबों, श्रमिकों और किसानों की शक्ति को समझना है।
क्या पीएम को इस तरह चर्चा करते देखा है
मैं आपसे बात कर रहा हूं, आपसे सवाल कर रहा हूं। क्या आपने कभी पीएम को ऐसा करते देखा है? वह 5 लोगों के साथ एक कमरे में बैठेंगे, देश के सबसे बड़े कारोबारी लोग और उनके साथ चर्चा करेंगे। वह कभी भी किसानों, श्रमिकों, छोटे कारोबारियों के साथ चर्चा नहीं करेंगे कि वे क्या सोचते हैं।इस देश के श्रमिकों और गरीब लोगों पर एक व्यवस्थित और संगठित हमला हो रहा है। ऐसा मत सोचो कि ये नीतिगत गलतियाँ हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो भारतीय श्रमिकों और भारतीय लघु और मध्यम व्यवसायों की रीढ़ तोड़ने के उद्देश्य से की जाती हैं।
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