नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका , बोत्सवाना और हांग कांग में कोविड-19 के नए रूप बी.1.1529 के कई मामले मिलने के बाद भारत सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्र ने राज्यों से इन तीन देशों से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की 'गहन स्वास्थ्य जांच एवं स्क्रीनिंग' करने का निर्देश दिया है। इन देशों से होकर भारत आने वाले यात्रियों की भी जांच होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से पॉजिटिव मिलने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल्स तुरंत प्रयोगशालाओं को भेजने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना का जो नया रूप सामने आया है उसके कई सारे वैरिएंट मिले हैं। ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा को अनुमति दी जाने लगी है और वीजा के नियम शिथिल किए गए हैं। इसे देखते हुए कोरोना का नए वैरिएंट्स लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता की बात हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से इन देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आए लोगों की बारीकी से जांच एवं इन यात्रियों पर करीबी नजर रखने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से गुरुवार को सभी राज्यों को जारी पत्र में कहा गया है कि कोरोना के नए वैरिएंट्स को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इन देशों से होकर और यहां से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (जो कि जोखिम वाले देश की श्रेणी में हैं) की गहन जांच एवं स्क्रीनिंग हो। इस बारे में मंत्रालय की ओर से 11-11-2021 को जारी संशोधित गाइडलाइन का पालन होना चाहिए। भूषण ने कहा है कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय यात्री जो पॉजिटिव पाए जाते हैं, राज्य उनके सैंपल्स तुरंत जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए प्रयोगशालाओं को भेजें।
भूषण ने कहा कि जीनोमिक विश्लेषण की जांच रिपोर्ट जल्द आये, इसके लिए राज्य निगरानी अधिकारियों को अपने संबंधित आईजीएसएलएस के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए, ताकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चिंता के स्वरूप की मौजूदगी के मामले में आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जा सकें। इसमें कहा गया है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार रोकथाम उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए स्वरूप का पता लगा है जिससे अधिक तेजी से संक्रमण फैलने की आशंका है और अधिकारियों ने इससे जुड़े 22 मामलों की बृहस्पतिवार को पुष्टि की। इंपीरियल कॉलेज लंदन के विषाणु विज्ञानी डॉ टॉम पीकॉक ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने ट्विटर अकाउंट पर वायरस के नए स्वरूप (बी.1.1.529) का विवरण पोस्ट किया था। उसके बाद वैज्ञानिक इस स्वरूप पर गौर कर रहे हैं। हालांकि ब्रिटेन में इसे चिंता पैदा करने वाले स्वरूप की श्रेणी में अभी औपचारिक रूप से वर्गीकृत नहीं किया गया है।
दुनिया भर के वैज्ञानिक तेजी से फैलने के संकेतों के लिए नए स्वरूप पर अब गौर करेंगे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 का पता चला है और जीनोम अनुक्रमण के बाद बी.1.1.529 के 22 मामलों की पुष्टि हुई है।
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