नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट का पता चला है। पुणे स्थित एनआईवी संस्थान ने वायरस का जिनोम सिक्वेंसिंग कर इस नए वैरिएंट B.1.1.28.2 का पता लगाया है। वायरस का यह नया वैरिएंट भारत में पाए गए डेल्डा वैरिएंट की ही तरह गंभीर है। इससे संक्रमित होने वाले व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है। एक अंतरराष्ट्रीय यात्री से लिए गए सैंपल की जांच एवं उसकी जिनोम की सिक्वेंसिंग में इस नए वैरिएंट की जानकारी सामने आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हैमस्टर मॉडल के आधार पर इस नए वैरिएंट की तुलना बी.1 के डी614जी वैरिएंट से की है।
डेल्टा वैरियंट जितना खतरनाक है यह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि B.1.1.28.2 वैरिएंट से संक्रमित होने पर व्यक्ति का वजन कम होता है। इसके तीव्र होने पर यह वैरिएंट मरीज के फेफड़े को संक्रमित करता है। वैज्ञानिकों ने इस नए वैरिएंट पर करीब सात दिनों तक परीक्षण किया।
ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के गले एवं नाक से जांच के नमूने एकत्र किए गए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कारोना वायरस का यह नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की ही तरह खतरनाक साबित हो सकता है।
अब तक कई वैरिएंट सामने आ चुके हैं
महामारी शुरू होने के बाद से कोरोना वायरस के नए-नए रूप (वैरिएंट) सामने आ चुके हैं। भारत में मिला वायरस का नया प्रकार बी.1.617.2 दुनिया के अन्य देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वैरिएंट को डेल्टा नाम दिया है। इन दिनों यह वायरस ब्रिटेन में बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर रहा है।
ब्रिटेन में लोगों को बीमार बना रहा डेल्टा वैरिएंट
पिछेल साल वायरस के अल्फा वैरिएंट ने ब्रिटेन में लोगों को बड़ी संख्या में संक्रमित किया था। अब तक विश्व भर में सार्स-कोविड-2 के कई वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें से एक बी.1.617 वैरिएंट की पहचान भारत में हुई है। इसी वायरस का ही एक रूप बी.1.617.2 है। इसे डेल्टा नाम दिया गया है। इस वैरिएंट को ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इस वैरिएंट को चिंता का विषय बताया है।
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