पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव सधार से जड़ा एक अहम बिल आज लोकसभा में पास हुआ। विपक्ष ने बहुत हंगामा किया। कल राज्यसभा में ये बिल पेश होगा। बिल का नाम है- चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021। इस बिल से 4 अहम बदलाव होंगे:
पहला बदलाव
वोटर आईडी को आधार से जोड़ा जाएगा, ये स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं
दूसरा बदलाव
वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए एक साल में 4 मौके मिलेंगे
तीसरा बदलाव
महिला सैनिकों के पतियों को भी सर्विस वोटर का दर्जा
चौथा बदलाव
चुनाव आयोग को यह अधिकार मिल जाएगा कि वे चुनाव संचालन के लिए किसी भी परिसर को चुनावों तक ले सकते हैं
क्यों आधार से वोटर आईडी को जोड़ना जरूरी?
वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के फायदे को उदाहरण से समझिए
A नाम का व्यक्ति यूपी के एक गांव में निवासी है। गांव की वोटर लिस्ट में उसका नाम है पर A लंबे समय से शहर में रह रहा है। शहर के वोटर लिस्ट में भी उसका नाम दर्ज है। दोनों जगहों पर A का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज। आधार से वोटर आई के लिंक होते ही A का नाम किसी एक ही वोटर लिस्ट में रहेगा। यानी A सिर्फ एक जगह ही अपना वोट दे पाएगा।
लेकिन चुनाव सुधार बिल के विरोध में विपक्ष के तर्क
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