नई दिल्ली : युद्ध और शांति दोनों स्थितियों में भारतीय फौज अपनी काबिलियत साबित करती आई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति मिशनों में उसके मानवतावादी और मानव मूल्यों से जुड़े पहलू उजागर होते हैं। शांति मिशनों में भारतीय सेना के शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए यूएन भारतीय जवानों को एक और अहम जिम्मेदारी सौंप रहा है। भारतीय फौज की एक टुकड़ी यूएन के अपने नए मिशन पर साउथ सूडान के लिए रवाना होने जा रही है।
डाइरेक्टर जनरल (स्टॉफ ड्यूटी) मेजर जनरल एमके कटियार ने शुक्रवार को साउथ सूडान जाने वाले जवानों से बातचीत की। सैन्य अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों के लिए भारतीय जवानों की मांग बहुत ज्यादा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारी संस्कृति हमें वसुधैव कुटुम्बुकम की शिक्षा देती है। लोगों की देखभाल करना हमारी फौज के मुख्य कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों में से एक है।' उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय हमारी फौज ने शानदार काम किया है।
मेजर जनरल ने कहा कि हम शांति मिशनों के लिए उपयुक्त जवानों का चयन करते आए हैं। बता दें कि भारतीय फौज ने संयुक्त राष्ट्र के 71 शांति मिशनों में से 51 में हिस्सा लिया है। इस बार 5,200 भारतीय जवानों का एक बड़ा जत्था साउथ सूडान के लिए रवाना हो रहा है।
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