नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) दिवाली के मौके पर पटाखों जलाने पर प्रतिबंध का आदेश जारी कर दिया है। इस दफा दिवाली पर पटाखे नहीं जलाए जा सकेंगे। सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर 9 नवंबर की मध्यरात्रि से लेकरर 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक प्रतिबंध रहेगा। 1 दिसंबर, 2020 को हालात की समीक्षा की जाएगी।
देश के उन शहरों में भी बैन जहां वायु की गुणवत्ता खराब
एनजीटी ने अपने फैसले में कहा कि पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक 30 नवंबर तक देश के उन शहरों में भी जारी रहेगी जहां वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है। इसके लिए पिछले साल के नवंबर के डेटा को भी आधार बनाया जाएगा। गत गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अपना फैसला नौ नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। समझा जाता है कि एनजीटी आज के अपने आदेश में 23 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पटाखे जलाए जाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकता है।
अगर वायू प्रदूषण कम तो पर्व पर दो घंटे की आजादी
ऐसे शहर या कस्बे जहां प्रदूषण का स्तर मॉडरेट या कम है वहां ग्रीन पटाखे दिवाली, छठ, न्यू ईयर, क्रिसमस के मौके पर सिर्फ दो घंटे तक जलाए जा सकेंगेय़ हालांकि समय के संबंध में संबंधित राज्य सरकार दिशानिर्देश जारी करेगी। अगर राज्य सरकार किसी तरह की दिशा निर्देश नहीं जारी करती है तो दिवाली और गुरुपर्ब के मौके पर रात 8 बजे से 10 बजे तक, छठ पर शाम 6 से 8 बजे तक, क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11.55 से लेकर 12.30 तक पटाखे जलाए जा सकते हैं।
कुछ राज्यों को था ऐतराज
सात नवंबर से 30 नवंबर के बीच पटाखे जलाने पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं, इस पर न्यायाधिकरण ने पिछले सप्ताह केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। बता दें कि गत बुधवार को एनजीटी ने पटाखे जलाए जाने पर अपनी सुनवाई का दायरा बढ़ा लिया। देश भर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए न्यायाधिकरण ने 19 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया।
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