श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी भारत के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने के मकसद से भारतीय युवाओं को कट्टर बनाने और आतंकी संगठनों में उनकी भर्ती की साजिश और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की बरामदगी से जुड़े मामले में की गई है। NIA ने इस मामले में रविवार को तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया, जो श्रीनगर के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
एनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उसने रविवार को दक्षिण कश्मीर के श्रीनगर और अनंतनाग में आठ ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से की गई। तलाशी व छापेमारी अभियान के दौरान तीन लोगों- तौहीद लतीफ, सुहैल अहमद और अफशान परवेज को ISIS से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) द्वारा भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने के लिए ऐसे युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उनकी भर्ती से जुड़ा है, जो आसानी से किसी के भी प्रभाव में आ सकते हैं। प्रॉपगैंडा मैगजीन 'वॉयस ऑफ हिंद' के जरिये ISIS अपनी ऐसी ही गतिविधियों को अंजाम देता है। इस सिलसिले में NIA ने इस साल 29 जून को एक केस भी दर्ज किया था, जिसके बाद जुलाई में तीन आरोपियों उमर निसार, तनवीर अहमद भट और रमीज अहमद लोन को कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था। ये सभी अनंतनाग जिले के अचबल इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
जांच एजेंसी ने इस मामले में मुख्य आरोपी जुफरी जवाहर दामुदी को भी अगस्त में गिरफ्तार किया था। उसके बड़े भाई अदनान हसन दामुदी को NIA ने 2016 में ही ISIS से संबंधित एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि जुफरी ने कई फर्जी साइबर पहचान बनाई थी और इनका इस्तेमाल वह एन्क्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म्स पर कमजोर व संवेदनशील युवाओं से संपर्क बनाने और उन्हें अपने झांसे में लेने के लिए करता था। वह ISIS के कई ऐसे ऑनलाइन प्रॉपगैंडा चैनल्स का सदस्य भी था, जिसके जरिये 'वॉयस ऑफ हिंद' के कंटेंट का दक्षिण भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर इसे प्रसारित किया जाता रहा है।
NIA ने जिन मामलों को लेकर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है, उनमें दूसरा केस 'बठिंडी IED रिकवरी' का है। जम्मू कश्मीर के बाहु फोर्ट से लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के हाथों 5 किलोग्राम IED बरामद किया गया था और इस मामले में एक केस 27 जून को दर्ज किया गया था। जांच में यह सामने आया था कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन फर्जी नाम 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' के जरिये जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की साजिश कर रहा था।
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