NIA ने पुलवामा हमले के आरोपी को जमानत मिलने से किया इनकार

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Updated Feb 28, 2020 | 08:36 IST

एनआईए ने बृहस्पतिवार को इस खबर से इनकार किया कि विशेष अदालत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के एक आरोपी को जमानत दे दी है।

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एनआईए  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को इस खबर से इनकार किया कि विशेष अदालत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के एक आरोपी को जमानत दे दी है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। एक बयान में एनआईए ने कहा कि युसूफ चोपान नामक जिस व्यक्ति को जमानत मिली है उसे आतंकवाद की साजिश के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था न कि फरवरी, 2019 के हमला मामले में ।

एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि चोपान को जैश ए मोहम्मद के वरिष्ठ कमांडरों द्वारा दिल्ली-एनसीआर समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमला करने के साजिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस आरोपी की जमानत का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने कहा था कि यह पुलवामा में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के प्रति अपमान है और उसने मांग की थी कि गृहमंत्री अमित शाह इसको लेकर इस्तीफा दें।

एनआईए अधिकारी ने कहा कि एजेंसी जैश ए मोहम्मद के साजिश मामले में चोपान के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पायी क्योंकि उसके विरूद्ध सबूत इकट्ठा नहीं किया जा सका, फलस्वरूप उसे दिल्ली की एक विशेष अदालत से जमानत मिल गयी।
एजेंसी के बयान में कहा गया है, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि युसूफ चोपान को पुलवामा आतंकवादी हमला मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

उसे एनआईए के एक मामले में छह अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया था जिसमें आठ आरोपियों (दो मारे गये) के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किये गये।’ बयान में कहा गया है, ‘कहने की जरूरत नहीं है, कि एनआईए निष्पक्षतम संभावित जांच की नीति पर चलती है। पुलवामा हमला मामले में , जिसमें आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गये थे, महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और शीघ्र ही बड़ी उपलब्धि की संभावना है।’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि पुलवामा आतंकवादी हमले के आरोपी को जमानत मिल गयी क्योंकि एनआईए सबूत इकट्ठा नहीं कर पायी और न ही आरोपपत्र दाखिल कर पायी। उनहोंने कहा, ‘पुलवामा हमले का राजनीतिक लाभ लेने , सरकार बनाने के बाद अब मोदी सरकार को देश के प्रति बलिदान करने वालों की शहदात का ख्याल नहीं है। क्या यह देशद्रोह नहीं है?’

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया, ‘यह हमारे शहीदों का अपमान है। स्पष्ट रूप से सरकार ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस त्रासद हमले का इस्तेमाल किया और वह इंसाफ करने के लिए कभी गंभीर नहीं रही।’

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