नई दिल्ली : निर्भया मामले में दोषी विनय शर्मा की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। अब तीन दोषियों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी विनय की मानसिक हालत ठीक है। विनय ने खुद को मानसिक तौर पर बीमार बताया था। उसने राष्ट्रपति द्वारा खारिज दया याचिका को चुनौती थी।
मेडिकल रिपोर्ट विनय पूरी तरह स्वस्थ
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने विनय के वकील एपी सिंह की दलीलों का विरोध किया और कहा कि राष्ट्रपति ने सारे संबंधित रिकॉर्ड का अवलोकन किया था। उन्होंने कहा कि विनय की दया याचिका खारिज किए जाने में कानून के तहत सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। मेहता ने विनय शर्मा की 12 फरवरी की मेडिकल रिपोर्ट बैंच के सामने पेश की और कहा कि उसे पूरी तरह स्वस्थ पाया गया।
दया याचिका विद्वेषपूर्ण तरीके से खारिज करने का आरोप
विनय शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उसकी दया याचिका विद्वेषपूर्ण तरीके से खारिज की गई । इस दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का कोर्ट से अनुरोध किया था। विनय ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि जेल में कथित यातनाओं और दुर्व्यवहार की वजह से वह मानसिक रूप से बीमार हो गया।
विनय के वकील ए पी सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति ने विद्वेषपूर्ण तरीके से उनके मुवक्किल की दया याचिका खारिज की क्योंकि इस मामले से सबंधित सारा रिकॉर्ड उनके समक्ष नहीं रखा गया था। उन्होंने कहा कि जेल में विनय को यातनाएं दी गईं और उसे एकांत कोठरी में रखा गया और जेल में हुए डिप्रेशन की वजह से वह मानसिक रूप से बीमार हो गया।
ये है मामला - गौर हो कि निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने गैंगरेप के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
छह आरोपी थे- चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। कुल छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया।
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