अम्फान चक्रवात से अभी भारत पश्चिम भारत उबरा भी नहीं था कि अब महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में निसर्ग चक्रवात का खरता मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र और गुजरात और इसके आस-पास के इलाकों में भारी आंधी बारिश के साथ भीषण चक्रवात निसर्ग प्रवेश कर सकता है। इसे लेकर राज्य सरकार और प्रशासन की तरफ से पहले से ही एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि कम से कम जानमाल की क्षति हो सके।
मौसम संबंधी जानकारी देने वाले वेबसाइट स्काईमेट के मुताबिक चक्रवाती तूफानों का इतिहास देखें तो पिछले 100 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ जब अरब सागर में विकसित होने वाला कोई चक्रवाती तूफान जून में बना हो और महाराष्ट्र के तटों से टकराया हो। यानि यह एक सदी में पहला ऐसा चक्रवाती तूफान होगा जो अरब सागर में विकसित होने के बाद मुंबई से टकराने जा रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करके हुए कहा है कि 3 जून तक महाराष्ट्र और गुजरात के तट से निसर्ग चक्रवाती तूफान टकरा सकता है। मौसम विभाग ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा है कि दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। 3 जून तक इसके महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की संभावना जताई गई है।
अगर चक्रवात का वेग अधिक रहा तो मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य तटीय इलाकों में लैंडफॉल की घटना हो सकती है। मुंबई के पड़ोसी इलाके, रत्नागिरी, ठाणे, रायगढ़ जैसे जिलों में 4 जून से भारी बारिश की आशंका जताई गई है। एहतियातन तौर पर मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जा रहा है साथ ही जो भी मछुआरे पहले से समुद्र तट से दूर गए हैं उन्हें जल्द से जल्द वापस बुलाया जा रहा है।
अरब सागर से उठा ये चक्रवात उत्तर भारत और दक्षिण गुजरात के समुद्री तट की तरफ बढ़ रहा है। बुधवार को यह इन तटों से टकरा सकता है जिसके बाद यह विकराल रुप धारण कर सकता है। इसके बाद से इन इलाकों में भारी बारिश के साथ तूफान के आने की आशंका है। अरब सागर से उठने वाले इस चक्रवात की ताकत हिंद महासागर से उठने वाले चक्रवात से दोगुनी बताई जा रही है। निसर्ग चक्रवात के कारण हवा की रफ्तार 95 से 105 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है।
मौसम विभाग ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि आज शाम तक यह चक्रवात अपने तीसरे या चौथे तरण में प्रवेश कर जाएगा। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इससे मुंबई के मौसम के मौसम और यहां के जनजीवन पर खासा असर पड़ेगा। आपको बता दें कि महाराष्ट्र पहले से ही कोरोना के भीषण संकट से बुरी तरह जूझ रहा है। भारत में अभी सबसे ज्यादा कोरोना के केस महाराष्ट्र में पाए जा रहे हैं।
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