NITI Aayog की मीटिंग में गैर-हाजिर रहे CM नीतीश और KCR, PM ने इस सूबे की थपथपाई पीठ, देखें- किनसे हुई मुलाकात

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 07, 2022 | 14:52 IST

NITI Aayog's Governing Council Meeting:

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NITI आयोग की एक बैठक लेते हुए पीएम मोदी।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • राव ने PM को लिखा लेटर, कहा- सूबों के साथ केंद्र करता है भेदभावपूर्ण बर्ताव
  • "राज्यों को सशक्त किए बगैर देश को सशक्त नहीं किया जा सकता है"
  • आरोप गलत कि बैठक का एजेंडा तय करते समय राज्यों संग विमर्श न होता- आयोग

NITI Aayog's Governing Council Meeting: नीति आयोग की संचालन परिषद की रविवार (सात अगस्त, 2022) को नई दिल्ली में सातवीं बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हुई इस मीटिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव गैर-हाजिर रहे। नीतीश की गैर-मौजूदगी के पीछे मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी खराब सेहत का हवाला दिया गया। कहा गया कि तबीयत के चलते वह दिल्ली नहीं आ सकते। हालांकि, सूबे की राजधानी पटना में उनके दो कार्यक्रम प्रस्तावित रहे।

छत्तीसगढ़ की PM ने क्यों की तारीफ?
आयोग की सर्वोच्च संस्था संचालन परिषद की बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पीएम ने Godhan Nyay Yojana के लिए मीटिंग के दौरान सूबे की सराहना की। उन्होंने गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए राज्य सरकार की तारीफ की।

तेलंगाना CM का बहिष्कार, NA बोला- ये 'दुर्भाग्यपूर्ण'
वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी को लिखे खत में कहा कि राज्यों के प्रति केंद्र के ‘भेदभावपूर्ण’ रुख के खिलाफ वह इस मीटिंग का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इन तथ्यों को देखते हुए, मुझे सात अगस्त, 2022 को होने वाली नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक में भाग लेना उपयोगी नहीं लगता। मैं भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के हमारे सामूहिक प्रयास में राज्यों के साथ भेदभाव करने और उन्हें समान भागीदार के रूप में नहीं मानने के केंद्र सरकार के वर्तमान रुख के खिलाफ इस बैठक से दूर रहूंगा।’’

राव ने दावा किया कि पहले जब योजना आयोग था, उस वक्त वार्षिक योजना पर राज्यों के साथ विस्तृत संवाद सत्र हुआ करता था। अब न तो कोई योजना है और न ही राज्यों और नीति आयोग की कोई भागीदारी है और इसकी बैठकों का कोई रचनात्मक उद्देश्य नहीं है। चूंकि कोई योजना नहीं है और सहकारी संघवाद की भावना नहीं है, ऐसे में देश रुपये के गिरते मूल्य, मुद्रास्फीति, आसमान छूती कीमतों और बढ़ती बेरोजगारी के साथ-साथ कम आर्थिक विकास की अभूतपूर्व समस्याओं के साथ सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र समस्याओं के सामने ‘मूकदर्शक’ बना हुआ है और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। हालांकि, नीति आयोग ने राव के निर्णय को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया।

नीति आयोग (NITI Aayog) की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग से जुड़ी हैं ये अहम बातें:

  • 10 बजे प्रधानमंत्री का भाषण, फिर मीटिंग
  • फसलों के विविधीकरण और तिलहन व दलहन एवं अन्य कृषि उत्पादों की आत्मनिर्भरता पर सत्र
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सत्र के संचालक 
  • विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपालों का भी संबोधन 
  • सत्र में कुछ अन्य विषय भी होंगे मसलन स्कूली शिक्षा-उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, शहरी शासन और अध्यक्षीय अनुमति से कोई अन्य विषय
  • आगे विदेश मंत्री एस जयशंकर G-20 की अध्यक्षता पर प्रजेंटेशन देंगे
  • बाद में मुख्यमंत्री और राज्यपालों के भाषण
  • शाम चार बजे प्रधानमंत्री मोदी का समापन भाषण 

किसानों के मसले उठाएंगे पंजाब CM
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वह दिल्ली में होने वाली इस बैठक में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण सहित अन्य मुद्दे उठाएंगे। पत्रकारों से शनिवार को उन्होंने अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों चरणजीत सिंह चन्नी और अमरिंदर सिंह की इन बैठकों में शामिल न होने को लेकर आलोचना की। मान के मुताबिक, ‘‘मैं नीति आयोग की बैठक में शामिल होने जा रहा हूं। पंजाब के मुद्दों पर मैंने अपना पूरा होमवर्क किया है, जिन्हें बैठक में उठाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि तीन साल हो गए हैं, पंजाब से किसी प्रतिनिधि ने नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया है।

पहले कब-कब हुईं नीति आयोग की ऐसी मीटिंग्स?

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2021 में ये लोग बैठक में न हुए थे शरीक
एक दिन पहले शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि यह बैठक स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में केंद्र और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के बीच सहयोग और सहकार के एक नए युग की दिशा में तालमेल का रास्ता खोलेगी। बैठक में जी-20 मंच पर प्रगति को रेखांकित करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा। आमतौर पर इस परिषद की बैठक हर साल होती है। पिछले साल यह बैठक 20 फरवरी को हुई थी। उस बार पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना और गुजरात के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए थे। (भाषा इनपुट्स के साथ) 

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