नई दिल्ली: बीजेपी से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट में जुट गए हैं। इन दिनों वे दिल्ली में हैं और एक एक करके बीजेपी विरोधी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने बुधवार (07 सितंबर) को एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की। पवार से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत अच्छी बातचीत हुई। ये (बीजेपी) लोग कोई काम नहीं कर रहे हैं। एकजुट होना जरूरी है। मैं बस इतना चाहता हूं कि ज्यादातर विपक्ष एकजुट हो जाए। अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है तो यह देश के हित में होगा।
नीतीश कुमार ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कार्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की और कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर एक मजबूत विपक्ष का गठन करने का है। उन्होंने येचुरी और केजरीवाल के अलावा समाजवादी पार्टी के वयोवृद्ध नेता मुलायम सिंह यादव, उनके पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के ओम प्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने सोमवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एच. डी. कुमारस्वामी से मुलाकात की थी।
क्या विपक्षी एकता को अंजाम तक ले जा पाएंगे नीतीश कुमार? लोकसभा चुनाव से पहले उभरेंगे कई सियासी पेंच
उन्होंने विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात के बाद कहा कि वह न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और न ही इसके लिए इच्छुक हैं बल्कि उनका मकसद बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करना है। एनडीए से अलग होकर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस सहित और वामपंथी दलों के साथ महागठबंधन सरकार बनाने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।