नई दिल्ली : भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि नीतीश कुमार देश के उप राष्ट्रपति बनना चाहते थे और जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के मंत्रियों के साथ बात की थी। सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'नीतीश भारत के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे लेकर भाजपा के मंत्रियों से बात की थी।' बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना था। धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराकर शीर्ष पद पर काबिज हो गए।
मीडिया से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा, 'बीजेपी ने जितना सम्मान उन्हें दिया है, उतना सम्मान उन्हें राजद और कांग्रेस में नहीं मिल सकता है। वो कह रहे थे कि उनकी पार्टी को तोड़ा जा रहा था, तो भई हमको तो सरकार बनाने के लिए 46 विधायक चाहिए, तो क्या पार्टी को अगर बीजेपी तोड़ भी देती तो क्या सरकार बन सकती थी? हम क्यों तोड़ेंगे, हम चाहते तो उसी समय ऐसा कर सकते थे। बीजेपी ने आज तक अपने किसी सहयोगी को धोखा नहीं दिया। हम लोगों ने उन्हीं लोगों को तोड़ा जिन्होंने हमें धोखा दिया, चाहे वो महाराष्ट्र के अंदर शिवसेना हो, उसका समझौता था बीजेपी के साथ, जब धोखा दिया तो भुगतना पड़ा।'
बुधवार को नीतीश कुमार भाजपा से अलग होकर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हुए और फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नीतीश कुमार ने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि पार्टी जद (यू) को तोड़ने की कोशिश कर रही है, और मंगलवार को महागठबंधन में राजनीतिक विरोधियों राजद के साथ हाथ मिला लिया। नीतीश कुमार के इस कदम को राजनीतिक जगत में उनकी 'राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं' से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा का आरोप है कि गठबंधन तोड़कर राजद से हाथ मिला कर नीतीश कुमार ने जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अनादर किया है।
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