नयी दिल्ली। देशभर में 16 जनवरी से जारी पहले चरण के टीकाकरण अभियान में 15 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इस बीच कुछ लोगों की मौत हुआ उसके बाद टीके पर सवाल उठे। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह बात सच है कि टीका के बाद मौत हुई है लेकिन मौतों के लिए वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सात और राज्य अगले सप्ताह से स्वदेशी तौर पर विकसित ‘कोवैक्सीन’ टीका लगाएंगे।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इस महीने की शुरुआत में भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेशी तौर पर विकसित ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी।
वैक्सीन की वजह से किसी की मौत नहीं
अधिकारी ने कहा कि टीका लगाये जाने के बाद टीके के कारण कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव या टीकाकरण से संबंधित कोई मृत्यु होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। ‘अब तक कुल छह मौतों (टीकाकरण के बाद) की सूचना है। पिछले 24 घंटे में गुरूग्राम के रहने वाले 56 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। पोस्टमॉर्टम से पुष्टि हुई है कि उसकी मृत्यु के लिए कार्डियो-पल्मोनरी बीमारी कारण था और वह टीकाकरण से संबंधित नहीं थी।
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