Kejriwal Oath: केजरीवाल के शपथग्रहण में अब टीचरों की उपस्थिति नहीं 'अनिवार्य', विपक्ष ने जताया था ऐतराज

देश
रवि वैश्य
Updated Feb 15, 2020 | 23:41 IST

अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में टीचर्स के शामिल होने के मुद्दे पर हो रही बयानबाजी के बीच दिल्ली सरकार ने अब अनिवार्य उपस्थिति को निमंत्रण में बदला है।

No more mandatory presence of teachers in Kejriwal's swearing in as CM of Delhi
आदेश की जानकारी होते ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया और सरकार के इस कदम का विरोध करने लगा 
मुख्य बातें
  • अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ लेंगे
  • शपथग्रहण में पहले टीचरों को आना अनिवार्य है ऐसा आदेश जारी हुआ था
  • विपक्ष के विरोध के बाद अब उसमें संशोधन करते हुए अनिवार्य उपस्थिति को निमंत्रण में बदला है

नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम के तौर पर रविवार को शपथ लेने जा रहे अरविंद केजरीवाल के शपथग्रहण में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है वहीं इसको लेकर कुछ विवाद भी सामने आया था कहा जा रहा है कि शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी कर सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों और टीचर्स को केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह स्थल पहुंचने का आदेश दिया था।

इसकी जानकारी होते ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया और सरकार के इस कदम का विरोध करने लगा, इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने कड़ा एतराज जताया उनका आरोप है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों को शिक्षकों को भेजने का आदेश दिया गया है ताकि वहां खासी भीड़ जुटाई जा सके।

वहीं इसके विरोध करने वालों में पहले AAP में रहे अब बीजेपी का दामन थामने वाले नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर इस सर्कुलर पर सवाल उठाए और इसे गलत बताया। 

 

 

वहीं दिल्ली सरकार स्कूलों की टीचर एसोसिसिएशन ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई थी और मांग की गई थी कि इस आदेश को अनिवार्य न बनाया जाए और बल्कि आमंत्रण रहने दिया जाए। पहले कहा जा रहा था कि टीचर्स की हाजिरी भी वहीं लगेगी लेकिन अब ऐसा नहीं है।

हो रहे विरोध के बाद कदम खींचे पीछे
चौतरफा विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में संशोधन किया है जिसके मुताबिक अब अनिवार्य नहीं बल्कि उनकी उपस्थिति स्वैच्छिक होगी और इस दौरान कोई भी हाजिरी नहीं लगेगी।  

इससे पहले बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे उस परिपत्र को वापस लेने का अनुरोध किया था जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए उपस्थित होना अनिवार्य किया गया है।

दिल्ली की पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे गुप्ता ने जारी किये गये इस परिपत्र को 'तानाशाही' करार दिया था और कहा कि इससे उनका यह विश्वास 'चकनाचूर' हो गया है कि सत्ता में आने के बाद केजरीवाल का जोर शासन और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने पर होगा। उन्होंने कहा, 'इस आदेश की वजह से, 15000 शिक्षकों और अधिकारियों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना होगा।'

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में 62 सीटें जीतकर सत्ता में जबर्दस्त वापसी की है। केजरीवाल और उनके मंत्री रविवार को एक भव्य समारोह में शपथ लेंगे।

 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर