रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस लड़ाई का नतीजा चाहे जो हो लेकिन उसका असर वैश्विक जगत पर पड़ रहा है। इस समय पीएन मोदी यूरोपीय देशों के दौरे पर हैं और जर्मनी उनका पहला पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने कहा कि रूस- यूक्रेन की लड़ाई में विजयी कोई नहीं होगा। लेकिन इसका गंभीर असर दुनिया के गरीब विकासशील देशों पर पड़ेगा।
विकासशील देशों पर पड़ेगा असर
उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि हमें विश्वास है कि इस युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा और सभी को नुकसान होगा। इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनिया के कई हिस्सों में खाद्यान्न और उर्वरकों की भी कमी है। विकासशील और गरीब देशों पर इन घटनाक्रमों का प्रभाव विशेष रूप से गंभीर होगा।
रूस- यूक्रेन के बीच शांति जरूरी
प्रधान मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मानवीय परिणामों पर भी चिंता व्यक्त की जो पिछले 60 से अधिक दिनों से जारी है। 24 फरवरी से शुरू हुए रूस के आक्रमण से हजारों नागरिक मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।यूक्रेनी संकट की शुरुआत से, हमने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया, इस बात पर जोर दिया कि विवाद को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत है। चांसलर स्कोल्ज ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जर्मनी में जी -7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधान मंत्री मोदी को भी आमंत्रित किया है।
भारत में निवेश की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय एवं जर्मन उद्योगपतियों के साथ बातचीत की और अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए उनसे भारत के युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया।यूरोप के तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में सोमवार सुबह यहां पहुंचे मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ एक व्यापारिक गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता की।मोदी ने ट्वीट किया कि बर्लिन में प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की और भारत और जर्मनी के बीच व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की।’’
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